यह समय कमाने का नहीं बल्कि काम आने का हैः स्वामी चिदानन्द सरस्वती

स्वामी जी ने कहा कि इस समय कई लोग बेरोजगार हुये हैं, ऐसे में सबसे पहली जरूरत है भोजन

मनुष्य के अस्तित्व को बचाये रखने के  लिए शुद्ध भोजन, स्वच्छ जल औैर प्रदूषण रहित वायु की जरूरत होती है।

पहाड़वासी

ऋषिकेश। विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर दूषित भोजन एवं प्रदूषित जल से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक करते हुये परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि पृथ्वी पर प्रत्येक मनुष्य के अस्तित्व को बचाये रखने के  लिए शुद्ध भोजन, स्वच्छ जल औैर प्रदूषण रहित वायु की जरूरत होती है।

अगर ये तीनों तत्व प्रदूषित हो जाये तो जीवन पर संकट मंडराने लगता है। खाद्य पदार्थ और जल की गुणवत्ता को अक्षुण्ण बनाये रखने हेेतु सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के मार्गदर्शन और आशीर्वाद से परमार्थ निकेतन, आश्रम की ओर से निराश्रितों और जरूरतमंद परिवारों को राशन और दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुओं के किट वितरित किये गये।

स्वामी जी ने कहा कि इस समय कई लोग बेरोजगार हुये हैं, ऐसे में सबसे पहली जरूरत है भोजन। सभी मिलकर मदद के लिये आगे आये तो उन परिवारों को संबल प्राप्त होगा और कुछ राहत भी मिलगी। विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाने का उद्देश्य है कि खाद्य सुरक्षा, मानव स्वास्थ्य, आर्थिक समृद्धि और सतत विकास में योगदान देने के साथ खाद्य और जल जनित जोखिमों को कम करना तथा सुरक्षित खाद्य मानकों को बनाए रखने के लिये जागरूकता पैदा करना है।

विश्व में 1.8 बिलियन लोग दूषित जल का उपयोग करते हैं जिसके कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ जैसे- हैजा, पेचिश, टाइफाइड और पोलियो का खतरा बढ़ जाता है। वर्तमान समय में भी 663 मिलियन लोगों के पास स्वच्छ जल के स्रोतों का अभाव है। भारत में खाद्य और जल की समस्या से सामान्यतः गरीब अथवा समाजिक रूप से संवेदनशील समुदाय अधिक पीड़ित होते हैं।

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