आईआईटी रुड़की के वार्षिक दीक्षांत समारोह में 1804 छात्रों को प्रदान की गईं उपाधियाँ 

 

आईआईटी रुड़की के वार्षिक दीक्षांत समारोह में 1804 छात्रों को प्रदान की गईं उपाधियाँ 

-प्रो. प्रदीप के. खोसला चांसलर, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन डिएगो यूएसए ने बतौर मुख्य अतिथि की कार्यक्रम में शिरकत

पहाड़वासी

रुड़की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की) ने अपना 21वाँ वार्षिक दीक्षांत समारोह ऑनलाइन मोड में आयोजित किया। समारोह की शुरुआत “वैदिक मंत्रोचार ” और छात्रों द्वारा कुलगीत (संस्थान गीत) के गायन से हुई। इस वर्ष कुल 1804 उपाधियाँ वितरित की गईं, इनमें 912 स्नातक, 685 स्नातकोत्तर और 207 डॉक्टरेट उपाधियाँ शामिल हैं।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय सैन डिएगो के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार खोसला। बतौर कुलपति प्रो. खोसला 40,000 छात्रों और कई नोबल विजेताओं वाले यूसी सैन डिएगो परिसर के सीईओ  के रूप में कार्य करते हैं। एंबेडेड सॉफ़्टवेयर, बुद्धिमान रोबोट सिस्टम और साइबर सुरक्षा में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त है। समारोह की अध्यक्षता भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की अभिशासक परिषद के अध्यक्ष श्री बी.वी.आर. मोहन रेड्डी ने की। संस्थान के निदेशक प्रो. अजीत के .चतुर्वेदी, अभिशासक परिषद एवं सीनेट के सदस्यों, संकाय सदस्यों, कर्मचारियों, उपाधियाँ प्राप्त करने वालों के माता-पिता, प्रेस के सदस्य और अन्य गणमान्य लोगों ने भी ऑनलाइन मोड में ही इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई या इसे ऑनलाइन देखा।

यहाँ तक कि कोविड 19 के प्रकोप के कारण आए चुनौतीपूर्ण समय में भी आईआईटी रुड़की के सारे कामकाज प्रभावपूर्ण तरीके से चलते रहे और इसने अपने छात्रों को उनका पाठ्यक्रम पूरा करने में सक्षम बनाया। अभूतपूर्व कठिनाइयों और चुनौतियों से पार पाने के बाद अपनी उपाधियाँ और उत्कृष्टता के प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए इस आयोजन का विशेष महत्व था। इस अवसर पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत के. चतुर्वेदी ने मुख्य अतिथि, अभिशासक परिषद के अध्यक्ष, विशिष्ट अतिथियों; अभिशासक परिषद एवं सीनेट सदस्यों ; संकाय सदस्यों और कर्मचारियों, उपाधियाँ प्राप्त करने वाले छात्रों के माता-पिता; उपाधियाँ प्राप्त करने वाले तथा अन्य छात्रों; मीडिया के प्रतिनिधियों आदि का स्वागत करते हुए कहा, “आईआईटी रुड़की बिरादरी की ओर से, और अपनी ओर से, मैं संस्थान के 21वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूँ।”

उन्होंने आगे कहा, “मौजूदा महामारी को देखते हुए, इस वर्ष भी हम अपने दीक्षांत समारोह का आयोजन वर्चुअल मोड में ही कर रहे हैं। यह हमारे लिए बहुत खुशी की बात है कि इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अंतरराष्ट्रीय ख्याति के विद्वान प्रो. प्रदीप खोसला हमारे बीच हैं। आज के दीक्षांत समारोह में 1804 छात्रों को उपाधियाँ प्रदान की जाएंगी। इनमें 912 स्नातक, 685 एम.टेक, एम.आर्क, एमबीए, एम.यू.आर.पी., एम.एस-सी. तथा 207 पी-एच.डी. हैं। उपाधियाँ प्राप्त करने वाले सभी छात्रों और सभी पुरस्कार विजेताओं को मैं हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देता हूँ। मुझे आशा है कि आपने आईआईटी रुड़की में जो वर्ष बिताए हैं, वे आपके साथ एक क़ीमती स्मृति के रूप में रहेंगे। आपके द्वारा सीखे गए पाठ, आपके द्वारा की गई मित्रता और आपको मिली सलाह आपको भविष्य की और भी उपलब्धियों के लिए मार्गदर्शन करेगी और आपके भीतर निहित सर्वश्रेष्ठ को सामने लाएगी । शिक्षा का उद्देश्य केवल शैक्षणिक डिग्री प्राप्त करना ही नहीं है, बल्कि अपनी बुद्धि को निखारना, एक गौरवान्वित और एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में विकसित होना और अच्छे पेशेवरों, शोधकर्ताओं, उद्यमियों, शिक्षाविदों आदि के रूप में उभरना अधिक महत्वपूर्ण है। आने वाले वर्षों में संस्थान परिसर के भीतर अपने पूर्व छात्रों के रूप में आपका स्वागत करने के लिए हमेशा तत्पर रहेगा। आप आईआईटी रुड़की बिरादरी के एक गौरवान्वित सदस्य हैं और हमेशा रहेंगे।”

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, प्रो. प्रदीप के. खोसला, कुलपति, कैलिफोर्निया सैन डिएगो विश्वविद्यालय ने कहा, “होनहार युवाओं को उनके ही चुने हुए रास्ते पर अग्रणी भूमिका निभाने तथा समाज की उन्नति हेतु मानव की स्थिति को सुधारने के लिए छात्रों को प्रेरित करने का आईआईटी रुड़की का एक लंबा इतिहास रहा है। मुझे हमेशा से विश्व भर के स्नातकों पर बहुत गर्व होता रहा है, लेकिन इस साल विशेष रूप से हो रहा है। आप (स्नातकों) ने न केवल यह सिद्ध कर दिया है कि आप सांमजस्य स्थापित कर सकते हैं, बल्कि आप विपरीत परिस्थितियों में भी कामयाब हो सकते हैं।

अभिशासक परिषद के अध्यक्ष बी.वी.आर. मोहन रेड्डी ने मानव इच्छाशक्ति के बल एवं अचूक चुनौतियों के लचीलेपन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अब हम एक नए सामान्य जीवन में जी रहे हैं। जबकि विगत समय में कोविड -19 महामारी से मानवता ने अभूतपूर्व कठिनाइयों का सामना किया है एवं यह भी साबित कर दिया है कि इच्छाशक्ति और लचीलेपन के माध्यम से हम किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं, चाहे वह कितनी भी दुर्गम क्यों न हो। हमने पिछले अठारह महीनों में खुद को और अपने आसपास की हर चीज को नया रूप दिया है। मैं इस अवसर पर अदम्य मानवीय भावना को सलाम करता हूँ और अग्रिम पंक्ति के सभी योद्धाओं का आभार व्यक्त करता हूँ। उन्होंने प्रो. खोसला का स्वागत करते हुए कहा कि हम आज इस अवसर पर प्रो. खोसला को अपने साथ पाकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं, जो सबसे कुशल शिक्षाविदों और संस्था निर्माताओं में से एक हैं। उनके नेतृत्व में, यूसी सैन डिएगो ने वंचित आबादी के लिए कॉलेज की पहुँच और सामर्थ्य का विस्तार किया। इसके बाद श्री रेड्डी ने आईआईटी रुड़की की उल्लेखनीय उपलब्धियों के बारे में बात की।

उन्होंने आगे कहा कि एनआईआरएफ 2021 रैंकिंग के अनुसार आईआईटी रुड़की इंजीनियरिंग संस्थानों की शीर्ष 10 सूची में अपना स्थान बनाए हुए है। वर्तमान में संस्थान के 23 शैक्षणिक विभागों में 500 से अधिक शैक्षणिक स्टॉफ और 8000 से अधिक छात्र हैं। मुझे यह बताते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि आईआईटी रुड़की भारत के सबसे बड़े तकनीकी संस्थानों में से एक है। हमने अंतरविषयी कार्यक्रमों के सजृन में काफी प्रगति की है। हमने कई पाठ्यक्रम शुरू किए हैं, जो आज की इस 21 वीं सदी में अभियांत्रिकी शिक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। ये कार्यक्रम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, इंडस्ट्रियल डिजाइन, माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स और वी.एल.एस.आई. में हैं। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

125 पदक वितरित किए गए

125 पदक (43 स्वर्ण सहित) तथा रु. 12.45 लाख के नकद पुरस्कार 156 छात्रों में वितरित किए गए। दो नए स्वर्ण पदक विभाग-कपिल गर्ग स्वर्ण पदक विभाग तथा जी एम सिंघवी स्वर्ण पदक विभाग दानकर्ताओं द्वारा स्थापित किए गए। समारोह में 156 पुरस्कार विजेता थे (40 महिलाएं, 116 पुरुष)। 101 पुरस्कार विजेता में स्नातक छात्र थे तथा 55 पुरस्कार विजेता स्नातकोत्तर छात्र थे (5 पीएच.डी छात्रों सहित)। कुल 125 पुरस्कारों में से 83 शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए, 26 परियोजना और शोध कार्य के लिए (सर्वश्रेष्ठ परियोजना पुरस्कार सहित), 5 पीएच.डी. थीसिस के लिए, 8 समग्र प्रदर्शन के लिए, 1 समाज सेवा के लिए (भारत के राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक), 1 सामुदायिक सेवा के लिए (केदार नाथ अग्रवाल, आईएसई मेमोरियल ट्रॉफी और नकद पुरस्कार), तथा 1 युवा नेतृत्व के लिए (डॉ. जय कृष्णा. स्वर्ण पदक)।

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