जन आशीर्वाद यात्रा हो सकती तो चारधाम क्यों नहींः आप प्रवक्ता

 

जन आशीर्वाद यात्रा हो सकती तो चारधाम क्यों नहींः आप प्रवक्ता

पहाड़वासी

देहरादून। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने बीजेपी सरकार पर चार धाम यात्रा खोलने के प्रति उदासीन नजरिए को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने प्रदेश में बंद पडी चारधाम यात्रा को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ,ये सरकार जनविरोधी सरकार है, जिसे जनता की तकलीफों से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि, उत्तराखंड में बंद पडी चारधाम यात्रा ने प्रदेश की आर्थिकी को तोड कर रख दिया है। चारधाम यात्रा प्रदेश और हजारों लोगों की आर्थिकी का मुख्य जरिया है, जिसका अनुमानित कारोबार तकरीबन 12 हजार करोड रुपये है, लेकिन यात्रा बंद होने से लोगों के  साथ राज्य को भी भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड रहा है।

प्रदेश कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि, एक ओर बीजेपी पूरे प्रदेश में धूमधाम से जन आर्शिवाद यात्रा निकाल रही है, लेकिन दूसरी ओर उसने अभी तक चारधाम यात्रा पर कोई फैसला नहीं लिया है। इनके जन आशीर्वाद यात्रा के लिए कोई प्रतिबंध नहीं,कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा के लिए भी कोई प्रतिबंध नहीं जबकि जिस चार धाम यात्रा पर पूरे प्रदेश की आर्थिकी टिकी है उसको लेकर सरकार कोई निर्णय नहीं ले पा रही है।

 उन्होंने कहा,चार धाम यात्रा पिछले साल से नहीं खुलने पर हजारों लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। चारधाम यात्रा उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था की मजबूत रीढ़ है, प्रदेश की कुल जीडीपी में पर्यटन क्षेत्र का योगदान 25 प्रतिशत से अधिक है और इसमें सबसे बड़ा योगदान चारधाम यात्रा का है। उत्तराखंड के 6 जिलों की आर्थिकी चारधाम यात्रा पर बहुत हद तक निर्भर है। इन जिलों में हरिद्वार, टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और पौड़ी जिले का कुछ क्षेत्र शामिल है। उन्होंने आगे कहा कि, ऐसा नहीं कि चारधाम यात्रा से सिर्फ गढवाल के क्षेत्रों में ही इसका असर पडता है, बल्कि कुमाऊं मंडल की सीमा से भी बड़ी संख्या में लोग चारधाम यात्रा पर आते हैं ,लिहाजा वहां के कारोबार पर भी इसका बड़ा प्रभाव पड़ता है।

उन्होंने कहा,चारधाम यात्रा से जुडे ऐसे सैकडों कारोबार हैं ,जिनके माध्यम से कई परिवारों की रोजी रोटी चलती है, लेकिन यात्रा सुचारु ना होने से इन परिवारों के सामने रोजगार से लेकर रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। उत्तराखंड के दस लाख से ज्यादा लोगों का रोजगार सीधे-सीधे चारधाम यात्रा से जुड़ा है। इनमें होटल, लॉज, ढाबा, दुकान, बस, टैक्सी चालक, टूर एंड ट्रैवल्स से जुड़े लोग, कंड़ी, पालकी, घोड़ा- खच्चर और चारों धामों में छोटी-बड़ी दुकानें चलाने वाले, फूला माला बेचने वाले, पूजा सामाग्री बेचने वाले, फोटोग्राफर, स्थानीय गाइड और पोर्टर जैसे तमाम लोग शामिल हैं। इनके अलावा बड़ी संख्या में पंडा समाज भी है ,जिसका रोजगार भी पूरी तरह चारधाम यात्रा पर निर्भर है। यात्रा ना खुलने से सीधे सीधे इन तमाम लोगों पर इसका असर पड रहा है, लेकिन बीजेपी को सिर्फ अपनी जन आशीर्वाद यात्रा से मतलब है। उन्होंने कहा सरकार ने चार धाम यात्रा से जुड़े लोगों को आर्थिक सहायता की बात की थी लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से कोई आर्थिक सहायता चार धाम से जुड़े लोगों को नहीं मिल पाई जो सीधे तौर पर कोराना में बेरोजगार लोगों के साथ खिलवाड़ है।

उन्होंने आकंडे बताते हुए कहा कि ,होटल, लॉज, धर्मशाला, रेस्टोरेंट, ढाबे ,टूर एंड ट्रैवल  सेवा, बस, टैक्सी , कार के कारोबार से 5 लाख लोग सीधे जुड़े हैं,जबकि 10 हजार  लोग घोड़ा- खच्चर और पालकी कारोबार से जुड़े हैं और 50 से ज्यादा हेली कंपनियां हैं जिसमें सैकडों स्थानीय युवकों को रोजगार मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि, एक ओर चारधाम यात्रा बंद पडी है , राज्य और यात्रा से जुडे लोगों को करोडों रुपयों का नुकसान हो रहा है तो, दूसरी ओर सरकार ने देवस्थानम बोर्ड भंग ना करके, पंडा समाज और हक हकूक धारियों के साथ खिलवाड करने का काम किया है।

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