पुलिसकर्मियों के एसीपी मामले को मोर्चा ने उठाया सीएम के प्रमुख सलाहकार के समक्ष  

पुलिसकर्मियों के एसीपी मामले को मोर्चा ने उठाया सीएम के प्रमुख सलाहकार के समक्ष  

पहाड़वासी

देहरादून। जन संघर्ष मोर्चा प्रतिनिधिमंडल ने मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार शत्रुघ्न सिंह से मुलाकात कर पुलिसकर्मियों के एसीपी विसंगति मामले में पुलिस मुख्यालय द्वारा शासन को सौंपी गई रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान करने को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।

शत्रुघ्न सिंह ने मुख्य सचिव से मामले में वार्ता कर कार्यवाही का भरोसा दिलाया। नेगी ने कहा कि एसीपी विसंगति मामले में सरकार द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। उक्त मामले में पुलिस मुख्यालय द्वारा मई 2021 को गृह विभाग को रिपोर्ट प्रेषित की गई है। नेगी ने कहा  कि पूर्व में पुलिस विभाग में समयमान वेतन के लाभ के रूप में पदोन्नति पद की प्रास्थिति के अनुरूप कार्मिकों को अगला वेतनमान अनुमन्य था, परंतु एमएसीपी व्यवस्था लागू होने के उपरांत जिन पदों का वेतनमान एवं ग्रेड वेतन, मैट्रिक्स लेवल अनुमन्य कराया जा रहा है, वह पद उस संवर्ग के ढांचे में विद्यमान नहीं है।

सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के क्रम में एमएसीपी व्यवस्था के अंतर्गत शासनादेशानुसार पदोन्नति पद का लाभ  स्वीकृत न होकर अगला ग्रेड वेतन स्वीकृत होने के कारण क्रमशः 10-20-30 वर्ष की सेवा पर स्तरोन्नयन का लाभ स्वीकृत होने के उपरांत एक ही पद पर कार्य तथा एक ही वर्ष के भर्ती कार्मिक अपने समकक्ष वरिष्ठ पदोन्नत कर्मी के समान वेतनमान एवं ग्रेड वेतन वेतन मैट्रिक्स का लाभ प्राप्त नहीं कर पाएंगे, जिससे विसंगति होना लाजिमी है।

पुलिस विभाग में 2800 ग्रेड पे यानी एएसआई का पद विभागीय ढांचे में विद्यमान नही है, जिस कारण उनको अगला ग्रेड पे 4600 अनुमन्य होना चाहिए। उक्त विसंगति के चलते कार्मिकों को 10-15 हजार का आर्थिक नुकसान प्रतिमाह होना लाजिमी है, क्योंकि पुलिस विभाग में अराजपत्रित अधिकारियों कर्मचारियों पर स्टाफिंग पैटर्न की व्यवस्था लागू नहीं है तथा पदोन्नति के सोपान भी अन्य विभागों की तुलना में बहुत कम हैं। अधिकांश पुलिसकर्मी भर्ती के पद से ही सेवानिवृत्त हो जाते हैं। एमएसीपी व्यवस्था के अंतर्गत अग्रेतर पदोन्नत पद के वेतन मैट्रिक्स लेवल का लाभ प्रदान किया जाना न्यायोचित है। नेगी ने कहा कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में पुलिस कर्मियों को एसीपी व्यवस्था के अंतर्गत क्रमशः10-16- 26 वर्ष की सेवा पर 2400-2800 तथा 4200 का लाभ अनुमन्य हो रहा है। प्रतिनिधिमंडल में-जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा पिन्नी थे।

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