13 वीं नैनीताल मानसून पर्वतीय मैराथन में अंजू ने रचा इतिहास: हिमालय की बेटी ने मारी बाजी
चमोली/देहरादून। उत्तराखंड के छोटे गांव मुन्दोली की बेटी अंजू ने अपनी 10 किलोमीटर की पहली दौड़ में ही पदक अपने नाम किया। 13वीं नैनीताल मानसून पर्वतीय मैराथन दौड़ में कुल 1200 धावकों ने भाग लिया, 4 वर्गों में प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें प्रथम वर्ग में 21 किमी में महिला, पुरुष और 50 साल से ऊपर, 10 किमी में महिला, पुरुष और 50 साल से ऊपर, 5 किमी जूनियर-सीनियर में महिला व पुरुष वर्ग निर्धारित किया गया था. इसके अलावा एक फन रेस का भी आयोजन किया गया, जो मल्लीताल फ्लैट्स से होकर तल्लीताल तक आयोजित की गई. इसमें बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने प्रतिभाग किया।
चमोली, उत्तराखंड: हिमालय की गोद में बसे तहसील देवाल के छोटे से गांव मुन्दोली की 16 वर्षीय बेटी अंजू ने नैनीताल में रन2लाइव के द्वारा आयोजित 13वीं नैनीताल मानसून पर्वतीय मैराथन दौड़ में तीसरा स्थान हासिल कर इतिहास रच दिया है। अपनी पहली ही दौड़ में 10 किलोमीटर की दूरी 00:46:05 के समय में पूरी कर अंजू ने न केवल अपने गांव, बल्कि पूरे हिमालयी क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
कौन हैं अंजू?
अंजू के पिता श्री अर्जुन सिंह बिष्ट एक राजमिस्त्री हैं और माता श्रीमती हेमा देवी एक गृहणी हैं। परिवार खेतीबाड़ी करके अपना गुजारा करता है। मुन्दोली राइडर्स क्लब के संस्थापक कलम सिंह बिष्ट के मार्गदर्शन में अंजू ने इस मुकाम को हासिल किया है।
क्यों है खास यह उपलब्धि?
हिमालय की बेटी: अंजू हिमालय के एक बेहद पिछड़े इलाके से आती हैं, जहां लड़कियों के लिए शिक्षा और खेल जैसी सुविधाएं सीमित हैं। ऐसे में अंजू की यह उपलब्धि हिमालय की बेटियों के लिए एक प्रेरणा है।
पहली बार में सफलता: अंजू ने 10 किलोमीटर की दौड़ में पहली बार भाग लिया और तीसरा स्थान हासिल किया। यह उनकी प्रतिभा और मेहनत का प्रमाण है।
उत्तराखंड का गौरव: अंजू की इस उपलब्धि ने उत्तराखंड का नाम देश भर में रोशन किया है।
अंजू को क्या चाहिए?
अंजू में अपार प्रतिभा है, लेकिन उसे आगे बढ़ने के लिए थोड़ा सा सहयोग और मार्गदर्शन की जरूरत है। उसे बेहतर प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराए जाएं तो वह देश के लिए एक बेहतरीन एथलीट बन सकती है।
हम क्या कर सकते हैं?
अंजू को प्रोत्साहित करें: हम सभी अंजू को बधाई दें और उसे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें।
समाज सेवा करें: हम अपने समाज में रहने वाली प्रतिभाओं को पहचानें और उन्हें आगे बढ़ने में मदद करें।
सरकार को जागरूक करें: हम सरकार से अपील करें कि वह खेलों को बढ़ावा देने के लिए और अधिक कदम उठाए।
यह खबर आपके लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि:
यह हमें दिखाती है कि हिमालय के पिछड़े इलाकों में भी प्रतिभाएं छिपी हुई हैं।
यह हमें प्रेरित करती है कि हम भी अपने आसपास की प्रतिभाओं को पहचानें और उन्हें आगे बढ़ने में मदद करें।
यह हमें बताती है कि खेल न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत जरूरी है।
अधिक जानकारी के लिए आप मुन्दोली राइडर्स क्लब से संपर्क कर सकते है, +91 9639263202