उत्तराखंड पंचायत राज अधिनियम 2016 और उत्तराखंड पंचायत राज संशोधन अधिनियम 2019 का त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में हो रहा है खुला उल्लंघन: यशपाल आर्य - Pahadvasi

उत्तराखंड पंचायत राज अधिनियम 2016 और उत्तराखंड पंचायत राज संशोधन अधिनियम 2019 का त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में हो रहा है खुला उल्लंघन: यशपाल आर्य

देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में लगातार उत्तराखंड सरकार की मनमानी और तानाशाही के विषय संज्ञान में आ रहे हैं । इसी क्रम में उत्तराखंड निर्वाचन आयोग के सचिव द्वारा जारी पत्र दर्शाता है कि किस स्तर पर सरकार सरकारी मशीनरी एवं संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है यह बात नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कही है।

कहां की अब नगर निकाय में मतदान कर चुके लोगों को त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में चुनाव लड़ने का अधिकार उत्तराखंड निर्वाचन आयोग के सचिव द्वारा दे दिया गया है जो कि उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 और उत्तराखंड पंचायती राज संशोधन अधिनियम 2019 का खुला उल्लंघन है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि आखिर किसके दिशा निर्देश पर यह हुआ, यह सवाल आज प्रदेश की जनता जानना चाहती है।

उत्तराखंड निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय के वोटर रहे मतदाताओं के त्रिस्तरीय पंचायत में चुनाव लड़ने का रास्ता खोलने के लिए उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 की धारा 9 (13), 10(ख) (1), 54(3) और 91 (3) का सहारा लिया है। ये धाराएं किसी ग्राम पंचायत में दर्ज मतदाता को किसी भी स्तर के पंचायत चुनाव को लड़ने का अधिकार देती है लेकिन इन धाराओं का हवाला देकर उत्तराखंड निर्वाचन आयोग के सचिव ने अर्ध सत्य का सहारा लिया है।

उत्तराखंड पंचायती राज संशोधन उत्तराखंड पंचायत अधिनियम, 2016 की धारा 9 (6) व 9(7) मतदाताओं के नाम नगरीय क्षेत्रों में दर्ज हैं उन्हें ग्राम पंचायत में मतदाता के रूप में नाम चढ़ाने से रोकती है। इसके अलावा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 17 व 18 में भी ऐसे प्रावधान है।

यशपाल आर्य ने कहा कि उत्तराखंड निर्वाचन आयोग ने सत्ताधारी दल के दबाव में आकर इस तरीके से आदेश जारी किया है, जो उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 उत्तराखंड पंचायती राज संशोधन अधिनियम 2019 और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के विपरीत है।

इससे स्पष्ट होता है कि चुनाव प्रक्रिया की सुचिता और निष्पक्षता को खत्म और सत्ताधारी दल भाजपा को लाभ पहुंचाने की पूरी तैयारी है। कांग्रेस की मांग है कि उत्तराखंड निर्वाचन आयोग आज जारी किए गए पत्र वापस ले और नगर निकाय में मतदाता रहे लोगों को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लड़ने से रोके और उनका निर्वाचन निरस्त करे

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