अगस्त्यमुनि के बाद भी रुद्रप्रयाग में सहाकारिता मेले का विरोध

-अगस्त्यमुनि में विरोध होने के बाद रुद्रप्रयाग में आयोजित हो रहा है मेला
-स्थनीय व्यापारियों का आरोप मेलों के आयोजन से स्थानीय व्यापारी परेशान

रुद्रप्रयाग। जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग के व्यापारियों ने भी 29 अक्टूबर से गुलाबराय मैदान में लगने वाले सहकारिता मेले का विरोध करना शुरू कर दिया है। व्यापारियों का कहना है कि इस प्रकार के मेले लगने से स्थानीय व्यापारियों के रोजगार पर प्रभाव पड़ रहा है। मेले में बाहरी लोग सामान बेचने के लिये लाते हैं, जिसका असर स्थानीय व्यापार पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि यदि मेला लगता भी है तो उसमें, सिर्फ सहकारिता विभाग से जुड़े स्टॉल लगने चाहिये।

दरअसल, पहले यह मेला अगस्त्यमुनि में आयोजित किया जा रहा था, लेकिन अगस्त्यमुनि के व्यापारियों ने सरस मेले का विरोध कर दिया। अगस्त्यमुनि के व्यापारियों का कहना था कि पहले सहकारिता और फिर कुछ दिन बाद राज्य स्थापना दिवस पर लगने वाले मंदाकिनी मेले के कारण स्थानीय लोगों का रोजगार प्रभावित होगा। अगस्त्यमुनि में विरोध के बाद मेले को रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय के गुलाबराय मैदान में लगाया जा रहा है। रविवार को मेले का सामान भी गुलाबराय मैदान में पहुंच गया था। स्थानीय व्यापारियों को इसकी भनक लगी तो भारी संख्या में व्यापारी गुलाबराय मैदान में पहुंचे और मेले आयोजन पद आपत्ति जताई। स्थानीय व्यापारियों ने कहा कि जब अगस्त्यमुनि में मेला नहीं लगने दिया जा रहा है तो इसको रुद्रप्रयाग में आयोजित किया जा रहा है। रुद्रप्रयाग के किसी भी व्यापारी से इस बारे में चर्चा नहीं की गई। सुनने में आया है कि मेले में बाहरी व्यापारी भी आएंगे और जैकेट, कपड़े, फल, बर्तन सहित अन्य सामग्री बेंचेंगे। बाहरी सामान और व्यापारियों के यहां पहुंचने से स्थानीय लोगों के व्यापार का नुकसान होगा। व्यापारियों ने कहा कि अगर मेला लगाना ही है तो उसमें बाहरी व्यापारियों और सामान को न रखा जाय। सिर्फ सहकारिता विभाग से संबंधित स्टॉल लगाये जाएं और जनता को जानकारी दी जाय।

व्यापार संघ अध्यक्ष राय सिंह बिष्ट, व्यापारी नरेन्द्र सिंह बिष्ट, दीपक भंडारी आदि ने गुलाबराय पहुंचकर मेला आयोजित करने पर आक्रोश जताते हुये कहा कि किसी भी व्यापारी को विश्वास में लिये बगैर सीधा मेला आयोजित करने के लिये टेंट लगाया जा रहा है। अगस्त्यमुनि में विरोध होने के बाद रातों-रात सामान यहां पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि मेले में बाहरी लोगों और सामान को भी रखे जाने की बात सामने आई है, जो कि सरासर गलत है। स्थानीय व्यापारियों के हितों पर किसी भी प्रकार से डाका नहीं डालने दिया जाएगा। यदि मेला आयोजित भी किया जाता है तो उसमें सिर्फ विभाग से संबंधित जानकारियां और सामान दिया जाय। बाहर से न कोई सामान मंगाया जाय और न बेचा जाय। यदि ऐसा किया जाता है तो कड़ा विरोध किया जायेगा।

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