-सीएम के निर्देशों पर भी नहीं हो रहा अमल
देहरादून। अगस्त माह में आपदा से नुकसान झेलने वाले नगर पंचायत के आपदा पीड़ितों की मदद तो रही दूर बल्कि साढ़े चार माह बाद सहायता राशि तक नहीं मिल पाई है। आपदा में अपने खेत खलिहान गंवाने वाले पीड़ितों की प्रशासन की साढ़े चार माह बाद भी सुध नहीं ली गई है। जबकि पांच अगस्त को स्योरी फल पट्टी में हुई अतिवृष्टि का सीएम ने संज्ञान लिया था। उन्होंने ट्वीट किया था कि जनपद उत्तरकाशी के नौगांव क्षेत्र में अतिवृष्टि से नुकसान की सूचना बनाकर डीएम से तत्काल राहत एवं बचाव कार्यों को युद्ध स्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी प्रभावितों की सुध नहीं ली गई है। वहीं ग्रामीणों ने अब आंदोलन करने का मन बनाया है।
अतिवृष्टि से वार्ड नंबर पांच, छह और सात में हुए नुकसान का डीएम ने भी क्षेत्रीय विधायक दुर्गेश्वर लाल के साथ स्थलीय निरीक्षण किया था। स्थानीय भाजपा नेताओं ने भी पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश की। लेकिन आपदा के साढ़े चार माह बाद भी पीड़ितों को सहायता राशि तक नहीं मिल पाई है। अतिवृष्टि से देवलसरी गदेरे तथा नौगांव गदेरे ने जमकर कहर बरपाया था। नगर पंचायत प्रशासन ने अकेले ही 15 करोड़ की परिसंपत्तियों का नुकसान होने का दावा किया था।
आपदा से कई दुकानों तथा आवासीय भवनों में पानी भर गया था। जिससे घरों तथा दुकानों में रखा सामान खराब हो गया था। खेतों में मलबा पड़ने से फसलें खराब हो गई थी। लेकिन साढ़े चार माह बाद पीड़ितों को राहत के नाम पर ढेला तक नहीं मिल पाया है। काश्तकार गब्बर सिंह, सरदार सिंह का कहना है कि उनके आवासीय भवनों तथा खेतों में पानी घुसने से नुकसान हुआ था। लेकिन प्रशासन ने उनकी कोई मदद नहीं की। वहीं बड़कोट तहसीलदार रेनू सैनी ने बताया कि आपदा के समय राजस्व उपनिरीक्षक ने नगर पंचायत में आपदा से हुए नुकसान की ऐसी कोई रिपोर्ट उपलब्ध नहीं करवाई है, जिसके आधार पर राहत राशि दी जानी थी। गब्बर सिंह, सरदार सिंह,का कहना है कि उनके आवासीय भवनों तथा खेतों में पानी घुसने से नुकसान हुआ था। लेकिन प्रशासन ने उनकी कोई मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि प्रशासन जल्दी ही उनकी मांग पूरी नहीं करता है तो आंदोलन करने को बाध्य होंगे।