सर्दियों में भी चमोली जिले में कई स्थानों पर धधक रहे जंगल - Pahadvasi

सर्दियों में भी चमोली जिले में कई स्थानों पर धधक रहे जंगल

-जंगल की आग से चारों तरफ फैला धुआं, आग बुझाने में वन कर्मियों के छूट रहे पसीने
-दावानल का असर वन्य जीव जंतुओं पर बुरी तरह से पड़ रहा

चमोली। उत्तराखंड के जंगल सर्दियों में भी धधक रहे हैं। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के अंतर्गत गोविंद घाट रेंज के काग भूसंडी नाले के ऊपर की पहाड़ियों में पिछले 72 घंटों से जंगल जल रहे हैं। जिससे पूरे ज्योतिर्मठ की पहाड़ियों में धुंध और धुआं नजर आ रहा है। धुएं से कुछ भी नजर नहीं रहा है। वहीं, आग बुझाने में वनकर्मियों के छक्के छूट रहे हैं।

नए साल के जश्न मनाने आने वाले पर्यटकों को औली, गोरसों समेत कुंवारी पास ट्रेक रूट से गढ़वाल हिमालय का विहंगम दृश्य का लुत्फ उठाने में दिक्कत हो रही है। इस दावानल के चलते दिन में ही अंधेरा और धुआं ही धुआं नजर आ रहा है। हालांकि, पार्क प्रशासन की टीम पहाड़ियों में लगी इस आग को बुझाने में जुटी हुई है।

दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र होने, खतरनाक इलाका और रास्ता न होने से दावानल पर काबू पाने में वन विभाग की टीम को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऊपर जलती पहाड़ियों से गर्म मलबा और पत्थर के साथ जली लकड़ियों के गिरने का भी खतरा बरकरार है। तेज हवाओं और दुर्गम चट्टानी इलाकों के आग पर काबू पाने में मुश्किलें आ रही है।

फिलहाल, इस दावानल का असर वन्य जीव जंतुओं पर बुरी तरह से पड़ रहा है। जीव जंतु जान बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं। साथ ही बेशकीमती वन संपदा भी जलकर राख हो रही है। इसके अलावा न्यू ईयर सेलिब्रेशन करने पहुंच रहे हजारों पर्यटकों को आसपास का प्राकृतिक नजारा बिल्कुल नजर नहीं आ रहा है।

दूसरी ओर केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग की नागनाथ रेंज अंतर्गत हापला क्षेत्र के जंगल रैसू बीट के ऐला, पतरोली और कलसीर बीट के जखमाला, डाडागैर व कलसीर के चीड़ के जंगलों में बीती देर शाम से भीषण आग लगी हुई है। पिरुल की अधिकता, तेज हवाओं और चट्टानी भू-भाग होने के कारण आग पर काबू पाने में वन विभाग के पसीने छूट रहे हैं।

आग से बड़ी मात्रा में वन संपदा नष्ट हो रही है। आग के कारण चारों ओर धुएं का गुबार छाया हुआ है, जिससे लोगों को सांस लेने में भारी परेशानी हो रही है। खासकर दमा एवं श्वास संबंधी रोगियों की समस्याएं काफी बढ़ गई हैं। रैसू बीट के जंगलों में पिछले एक महीने के भीतर यह तीसरी बार आग लगने की घटना है, जिससे वन विभाग की चिंताएं और बढ़ गई हैं। वनकर्मी एक ओर स्टाफ की कमी और क्षेत्र में भालुओं के आतंक से जूझ रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर लगातार लग रही आग से उनकी मुश्किलें दोगुनी हो गई है। आग लगने की सूचना मिलते ही वन क्षेत्राधिकारी नवल किशोर नेगी, वन दरोगा मोहन सिंह बत्र्वाल समेत वन विभाग की टीम जान जोखिम में डालकर आग बुझाने में जुटे हैं।

वन क्षेत्राधिकारी नवल किशोर नेगी ने कहा कि वनाग्नि की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। जल्द ही आग पर नियंत्रण पा लिया जाएगा।

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