आंगनबाड़ी कर्मियों का होगा 02 लाख रु. का वार्षिक दुर्घटना बीमा

 

आंगनबाड़ी कर्मियों का होगा 02 लाख रु. का वार्षिक दुर्घटना बीमा

-मानदेय डिजिटल तरीक़े से सीधे उनके खाते में दिया जायेगा

पहाड़वासी

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सनातन धर्म इंटर कॉलेज रेस कोर्स में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान आंगनबाड़ी संगठन द्वारा मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए मानदेय वृद्धि करने पर आभार व्यक्त किया गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि सभी आंगनवाड़ी कर्मियों को 02 लाख का वार्षिक दुर्घटना बीमा पॉलिसी उपलब्ध करवाई जायेगी। आंगनबाड़ी कर्मियों का मासिक मानदेय डिजिटल तरीक़े से सीधे उनके खाते मे दिया जायेगा। आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के 25 प्रतिशत पद आंगनवाड़ी सहायिकाओं, जिन्होंने 10 वर्ष की संतोषजनक सेवा पूर्ण की हो और आवश्यक शैक्षिक योग्यता पूरी करती हो, के द्वारा भरे जायेंगे। प्रदेश में जिन लोगों पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू नहीं होता है, उन्हें दिसंबर 2021 से मार्च 2022 तक प्रत्येक माह कुल 20 किलोग्राम खाद्यान्न/प्रति कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से सेनेटरी नैपकिन के लिए जो एक रुपये का भुगतान करना पड़ता था वो अब निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के निर्माण में मातृशक्ति की बड़ी भूमिका है, महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक कार्य किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आन्दोलन में मातृशक्ति की अहम भूमिका निभाई। सरकार जनता की साझीदार के रूप में कार्य कर रही है। बीते पाँच महीनों में सरकार ने 500 से ज़्यादा निर्णय लिए और उन पर शासनादेश जारी किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि 2025 तक राज्य हर क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बने। खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में नई खेल नीति बनाई गई है। हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी वर्कर का मानदेय बढ़ाकर उनके ऋण को चुकाने का प्रयास किया है। विपरीत परिस्थितियों में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां किस प्रकार कार्य करते हैं, यह सब बखूबी जानते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके दोनों बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा भी आंगनबाड़ी केंद्र में ही हुई है, इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मेहनत से भलीभांति अवगत हैं। राज्य के विकास के लिए नारी का सशक्त होना जरूरी है। राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल के बाद सरकार के पास आय के संसाधनों में भी कमी आई है, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने मानदेय बढ़ाने में कंजूसी नहीं की। सरकार ने आजीविका से जुड़ी प्रदेश की महिलाओं को मजबूत करने के लिए 119 करोड़ रूपये का कोविड राहत पैकेज जारी किया। इसके अलावा सरकार ने आशा, उपनल समेत तमाम विभागों में कार्यरत कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाया है।

कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि प्रदेश में होने वाली विभिन्न गतिविधियों में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का अहम योगदान होता है। हर क्षेत्र में आंगनवाड़ी बहनों द्वारा सहयोग दिया जाता है। आंगनबाड़ी बहनों के हित में राज्य सरकार द्वारा हर संभव कार्य किये जा रहे हैं। महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। बीते पांच वर्षों में आंगनबाड़ी केंद्रों को ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य एवं पोषण की धुरी मानते हुए आंगनबाड़ी केंद्रों में गैस सिलिंडर, पेयजल, शौचालय, स्वच्छता किट, प्री स्कूल किट, मेडिसिन किट तथा किचन गार्डन आदि अनेक सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं हैं। ग्राम स्तर पर आंगनबाड़ी कार्मिकों की सशक्त एवं सक्रिय उपस्थिति का परिणाम है कि आंगनवाड़ी के केंद्रों के माध्यम से प्रतिमाह लगभग 9 लाख लाभार्थियों को पोषाहार उपलब्ध कराया जाता है। इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, महेंद्र भट्ट, भरत चौधरी, सचिव महिला एवं बाल विकास एच.सी.सेमवाल, मंच संचालिका डॉ. कंचन नेगी, संबंधित विभागीय अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां मौजूद रही।

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