भाजपा सरकार खनन व शराब माफिया के हाथों की कठपुतलीः करन माहरा  

 

भाजपा सरकार खनन व शराब माफिया के हाथों की कठपुतलीः करन माहरा  

पहाड़वासी

देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने भाजपा सरकार को खनन माफिया, शराब माफिया के हाथों की कठपुतली बताते हुए कहा कि राज्य में अवैध खनन का धंधा फलफूल रहा है तथा खनन माफिया द्वारा आये दिन हत्या की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने राज्य की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में भारी मात्रा में धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा है तथा सरकार खनन माफियाओं के दबाव में काम कर रही है। करन माहरा ने कहा कि भाजपा सरकार खनन और शराब माफियाओं के हाथों की कठपुतली बन चुकी है। अवैध खनन कारोबारियों द्वारा कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा की हत्या की सुपारी देने का मामला बीते दिनों पहली बार सामने आया। पूर्व में निजी भूमि पर समतलीकरण के लिए माइनिंग प्लान (आर.पी.क्यू.) बनाकर खनन की इजाजत दी जाती थी जिसमें जियोलॉजिकल रिपोर्ट तथा पर्यावरण क्लीयरेंस जरूरी था तथा यह भी देखा जाता था कि इसका पर्यावरण पर क्या प्रभाव पडेगा। खनन की इजाजत नीलामी द्वारा दी जाती थी जिससे खनन विभाग तथा सरकार को राजस्व के रूप में आर्थिक लाभ पहुंचता था।

खनन में वन निगम के रेट 32 रूपये प्रति कुन्तल, गढ़वाल मण्डल विकास निगम एवं कुमाऊं विकास निगम के रेट 24 रूपये प्रति कुन्तल  थे  तथा खनन का कार्य खुली नीलामी के माध्यम से दिया जाता था जिससे रेट 32 से 40 रूपये प्रति कुन्तल के बीच रहते थे। इस प्रथा से जहां निगमों को आय होती थी वहीं सरकार को जी.एस.टी. तथा जिला न्यास के रूप में राजस्व की प्राप्ति होती थी। पूर्व में खुली नीलामी की प्रक्रिया में रेता (आर.बी.एम.) 32 से 40 रूपये प्रति कुन्तल में लिया जाता था वहीं अब नई नीति में कुछ पहुंच वाले लोगों को मात्र 7 से 8 रूपये प्रति कुन्तल मे मिल रहा है। पूर्व में नदियों में जितनी मात्रा में प्रतिवर्ष खनन होता था वह इस नीति के आने के बाद नहीं हो पा रहा है। अकेले कोसी, गौला, चोरगलिया, दाबका जैसी नदियों में 5500 ट्रांस्पोर्टरों की 14000 गाडियां रजिस्टर्ड हैं जिनके कारोबार में इस नीति के कारण विपरीत प्रभाव पड़ा है।

अमूमन जून माह में खनन बन्द होने के समय वे लोग अपनी गाड़ियां सरेन्डर कर देते थे तथा 1 अक्टूबर से जब खनन पुनः शुरू होता था तब वे अपनी गाडियों का फिर से रजिस्ट्रेशन कराते थे। परन्तु इस वर्ष यह देखने को नहीं मिला है जो खनन कारोबार में विपरीत प्रभाव पडने के स्पष्ट संकेत देता है। इससे न केवल राज्य को राजस्व की हानि  हुई है अपितु खनन व्यवसाय से जुड़े ट्रांसपोर्टरों और मजदूरों के पेट पर भी लात पडी है।

उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा दिये गये अपने निर्णय के पैरा 25 में की गई टिप्पणी बहुत ही गम्भीर है। (हमें यह देखकर दुख होता है कि राज्य जिस तरह से अपने बहुमूल्य संसाधनों का दोहन कर रहा है, वह मुश्किल से ही लौट रहा है।) माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा खनन नियमावली के अंतर्गत निजी नाप भूमि पर चुगान की अनुमति देने से संबंधित नीतिगत अधिसूचना को रद्द करने से स्पष्ट होता है कि सरकार ने खनन माफिया के दबाव में अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए नई खनन नीति बनाई है। 50 हजार रूपये के इनामी जफर की खोज में आई उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जसपुर के ज्येष्ठ उप प्रमुख गुरताज भुल्लर की पत्नी गुरप्रीत कौर की हत्या की जाती है। काशीपुर के कुण्डेश्वरी में शूटरों द्वारा खनन व्यवसायी पूर्व प्रधान मेहर सिंह की हत्या। इससे पूर्व खनन माफिया द्वारा रूड़की में लक्सर एसडीएम संगीता कनौजिया की डंपर सेकुचल कर हत्या। डीआईजी कुमाऊं नीलेश भरणे द्वारा मुरादाबाद मण्डल के पुलिस अधिकारी को लिखे पत्र में कुण्डा प्रकरण में उत्तराखण्ड राज्य पुलिस को विश्वास में नहीं लेने की बात कही जाती है। अब उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकारें इस मामले में एक दूसरे की पीठ खुजाती दिख रही हैं। इसी प्रकार अंकिता हत्याकाण्ड में भाजपा नेता के रिसोर्ट पर बुलडोजर फिराने के आदेशों को लेकर भी जिला स्तरीय अधिकारी पलटी खाते दिखाई दिये। शांतिपुरी में 14 मई 2022 को दिनदहाड़े गोली मारकर शांतिपुरी नंबर 3 निवासी खनन कारोबारी और भाजपा नेता संदीप कार्की की हत्या कर दी गई थी। शांतिपुरी क्षेत्र में ही खनन कारोबारी शांतिपुरी नंबर दो निवासी मुकू टाकुली पर फायर किया था। शांतिपुरी से अवैध खनन की रंजिश में शक्तिफार्म क्षेत्र में दिनदहाड़े शक्तिफार्म आनंदनगर निवासी पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष प्रताप बिष्ट को गोलियों से भून दिया गया था। इससे पूर्व 28 सितंबर 2001 को बेरीनाग निवासी हरीश रावत की शांतिपुरी मुख्य बाजार के समीप गोली मारकर हत्या की गई थी। देहरादून, रूड़की तथा हरिद्वार में अवैध रूप से बेची जा रही जहरीली शराब काण्डों ने कई जिन्दगियां लीली हैं। पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के अलावा प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन एवं प्रशासन मथुरादत्त जोशी, प्रदेश महामंत्री संगठन विजय सारस्वत, भारत जोड़ो यात्रा मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी, मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह, प्रदेश महामंत्री ताहिर अली, प्रदेश अनुसूचित जाति अध्यक्ष दर्शन लाल मौजूद थे।

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