कैग की रिपोर्ट ने प्रदेश सरकार की पोेल खोलीः करन माहरा
-समाज कल्याण विभाग ने 4298 मृत व्यक्तियों के खातों में डाल दी पेंशन
-एक ही मोबाइल नम्बर से लिंक मिले 4217 पेंशन खाते
-प्रदेश के अंदर 8 लाख 68 हजार बेरोजगार पंजीकृत
देहरादून,पहाड़वासी। विधानसभा भराड़ीसैंण में प्रस्तुत बजट को लेकर उत्तराखण्ड कांग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन देहरादून में प्रेस वार्ता कर सरकार की कलई खोल दी। माहरा ने कहा कि कैग की रिपोर्ट ने ही प्रदेश सरकार की कलई खोलकर रख दी है। अकेले समाज कल्याण विभाग में ही 4298 मृत व्यक्तियों के बैंक खाते में पेंशन डाल दी गयी और एक ही मोबाईल नम्बर से लिंक 4217 पेंशन खातों में पेशन डाल दी गयी। वहीं माहरा ने जल जीवन मिशन के नाम पर हर घर नल हर घर जल योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार पर राज्य सरकार को घेरा। माहरा ने कहा कि प्रदेश के अंदर 8 लाख 68 हजार बेरोजगार पंजीकृत हैं। उन्होनें कहा कि वर्ष 2022- 23 में राज्य सरकार को 121 रोजगार मेले आयोजित किए गए जिसमें कुल 2299 लोगों को रोजगार मिला।
माहरा ने कहा कि यह बजट यह बताता है कि राज्य पर कर्ज का कितना अधिक बोझ है फिलहाल राज्य को 6161 करोड़ का ब्याज देना पड़ रहा है। माहरा ने बताया कि एक पर्यटन प्रधान प्रदेश में पर्यटन का बजट 302 करोड़ का नाकाफी है। उत्तराखंड पर्यटन विकास निगम को मात्र 63 करोड़ का बजट देना बताता है कि वर्तमान सरकार प्रदेश में पर्यटन को विकसित करने की कितनी इच्छुक है। माहरा ने जानकारी देते हुए बताया कि पलायन आयोग की रिपोर्ट कहती है के उत्तराखंड में 6000 गांव ऐसे हैं जो कि सड़क विहीन हैं यानी 6000 से अधिक गांव में तक सड़क नहीं है वहीं दूसरी ओर पलायन आयोग की रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि 230 लोग हर 24 घंटे में पर्वतीय अंचलों से मैदानी इलाकों में पलायन कर रहे हैं ऐसे में जो तमाम योजनाएं सरकार के द्वारा घोषित की गई हैं कहीं ऐसा ना हो कि जब तक वह जमीन पर उतरें तब तक पूरा उत्तराखंड ही खाली हो जाय।
माहरा ने कहा कि यह बात सर्वविदित है कि राज्य की कुल आमदनी 35000 करोड़ से ज्यादा की नहीं है वही बजट 77000 करोड़ के लगभग का है ऐसे में यह बजटीय घाटा कैसे पाटा जाएगा यह अपने आप में यक्ष प्रश्न है। दरअसल कड़वी सच्चाई यह है कि देश में जीएसटी लागू होने के बाद से उत्तराखंड जैसे छोटे राज्यों को बहुत बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है । वसूली टारगेट के अनुसार नहीं हो पा रही है और इसीलिए राजकीय कोष यानी खजाना खाली है।
माहरा ने कहा कि एक तरह से आगामी चुनाव के मद्देनजर यह बजट लोकलुभावन जरूर है। उद्यान विभाग में स्वरोजगार की संभावनाएं जताई गई हैं। माहरा ने कहा कि हॉर्टिकल्चर फ्लोरीकल्चर इत्यादि में 813 करोड़ का बजट तो रखा गया है परंतु यदि प्रदेश के युवाओं को ट्रेनिंग नहीं दी जाएगी तो कैसे स्वरोजगार के रास्ते खुलेंगे पता नही। नई-नई खेती और नई नई टेक्निक के लिए युवाओं की ट्रेनिंग बहुत जरूरी है वरना परंपरागत खेती से कितनी इनकम होगी और यह कितना प्रैक्टिकल है राज्य सरकार बताएं। वही उत्तराखंड का सेब देश विदेश में जिसकी बहुत डिमांड है उस एप्पल मिशन को नाम मात्र का बजट देना औचित्य पूर्ण नहीं है।
माहरा ने कहा कि उद्योग विभाग को 461करोड़ का जो बजट मिला है उसके सापेक्ष यह चिंतन करने की जरूरत है कि उद्योग लगने के बाद प्रदेश के युवा कितना लाभान्वित हुए? उनको रोजगार कितना मिला? जो उद्योग यहां इन्वेस्ट कर रहे हैं उनको प्रदेश सरकार की ओर से क्या सुविधाएं दी जा रही हैं और बदले में वह प्रदेश के युवाओं को कितना रोजगार दे रहे हैं यह मायने रखता है? यदि इन उद्योगों से प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिल रहा होता तो प्रदेश का युवा आज सड़कों पर ना होता। दमाहरा ने बताया कि पर्यटन विभाग को 302 करोड़ अलॉट किया गया है सबसे पहला प्रश्न तो यह उठता है कि जितना पैसा का प्रावधान किया गया है उतना धरातल पर खर्च भी होगा क्या?मूलभूत संरचना के लिए घ्60 करोड़ का प्रावधान रखा गया है ये किस आधार पर हुआ?क्या कोई सर्वे हुआ जिसके आधार पर 60 करोड़ अलॉट कर दिया गया।
Explore the ranked best online casinos of 2025. Compare bonuses, game selections, and trustworthiness of top platforms for secure and rewarding gameplaycasino.