-मादा भालू को देहरादून चिडियाघर में किया जाएगा शिफ्ट
पोखरी। पूरे पोखरी विकासखंड में दहशत का कारण बनी लगभग छह वर्षीया मादा भालू को वन विभाग की टीम ने ट्रैंक्विलाइज कर सुरक्षित रूप से पिंजरे में कैद कर लिया है। भालू के पकड़े जाने से क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली है। बीते दिनों पांव, सिनाऊ पल्ला और गुनियाला क्षेत्रों में घास काट रही तीन महिलाओं पर मादा भालू ने हमला कर उन्हें घायल कर दिया था। इसके साथ ही जूनियर हाईस्कूल हरिशंकर में दो अलग-अलग मौकों पर स्कूली बच्चों पर भी भालू के हमले हुए, जिसके बाद पूरे क्षेत्र में भारी दहशत फैल गई थी। कई जगह गौशालाएं तोड़कर पालतू पशुओं के मारे जाने की घटनाएँ भी सामने आईं।
लगातार हमलों के कारण ग्रामीणों का सुबह-शाम घरों से निकलना मुश्किल हो गया था। महिलाओं का खेतों व जंगलों में जाना और छात्र-छात्राओं का विद्यालय पहुँचना जोखिम भरा हो गया था, जिससे वन विभाग के प्रति नाराज़गी भी बढ़ रही थी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग, नागनाथ रेंज की टीम ने विशेष प्रयास शुरू किए।
वन संरक्षक रंजन कुमार मिश्रा के निर्देशन में देहरादून चिड़ियाघर से डॉ. प्रदीप मिश्रा के नेतृत्व में विशेष टीम पोखरी भेजी गई। नागनाथ रेंज के कर्मचारियों के सहयोग से टीम ने शुक्रवार रात लगभग दो बजे पोखरी, हापला, गोपेश्वर मोटर मार्ग तथा पोखरी, विशाल, बामनाथ सड़क के बीच भिकोना के पास मादा भालू को ट्रैंक्विलाइज कर पिंजरे में बंद कर लिया। पकड़ी गई भालू को बाद में मोहनखाल वन परिषद लाया गया।
सूचना मिलते ही प्रभागीय वन अधिकारी केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग, गोपेश्वर, सर्वेश कुमार दुबे और उप प्रभागीय वन अधिकारी मोहन सिंह नेगी मौके पर पहुँचे। डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे ने बताया कि मादा भालू को देहरादून चिड़ियाघर शिफ्ट किया जाएगा ताकि उसकी उचित निगरानी और देखभाल हो सके।
ट्रैंक्विलाइजिंग टीम में डॉक्टर प्रदीप मिश्रा के साथ वन क्षेत्राधिकारी नवल किशोर नेगी, उप वन क्षेत्राधिकारी बीरेंद्र नेगी, वन दरोगा आनंद सिंह रावत सहित अन्य वन कर्मी शामिल रहे। भालू के पकड़े जाने से ग्रामीणों में जहाँ राहत है, वहीं वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि जंगली जानवरों से दूरी बनाए रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना विभाग को दें।