मंत्री ने व्यावसायिक डेरी परिसरों के लिए दुधारु गायों की संख्या को 10 से बढ़ाकर 15 किये जाने के दिए निर्देश
-गोबर एवं गोमूत्र के निस्तारण को शहरी विकास विभाग को बायोगैस प्लांट वर्मी कम्पोस्ट लगाने के दिए निर्देश
पहाड़वासी
देहरादून। पशुपालन, मंत्री, उत्तराखण्ड सरकार सौरभ बहुगुणा की अध्यक्षता में राज्य में स्थित डेयरियों एवं गोशालाओं में पर्यावरणीय मानकों के अनुपालन के सम्बन्ध में एनजीटी द्वारा पारित केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तैयार की गई गाईडलाईन वित डेयरी फार्मों और गौशाला का पर्यावरण प्रबंधन के अनुपालनार्थ व्यवसायिक डेरियों गोशालाओं के संचालन में आ रही कठिनाइयों को दूर करने हेतु लिये गये कुछ अहम निर्णय लिये गए।
जिनमें व्यावसायिक डेरी परिसरों हेतु दुधारु गोवंशीय पशुओं की संख्या को 10 से बढ़ाकर 15 किये जाने हेतु कहा गया। व्यावसायिक डेरी परिसरों के पंजीकरण हेतु लिये जा रहे निर्धारित शुल्क 500 प्रति पशु प्रतिवर्ष को बढाकर 500 प्रति पशु तीन वर्ष किये जाने के निर्देश दिए गए। व्यावसायिक डेरी परिसरों से गोबर एवं गोमूत्र के निस्तारण हेतु शहरी विकास विभाग को बायोगैस प्लांट वर्मी कम्पोस्ट लगाये जाने के निर्देश दिए गए । बैठक में मेयर नगर निगम, देहरादून सुनील गामा, सचिव पशुपालन, उत्तराखण्ड शासन डॉ बी०वी०आर०सी० पुरुषोत्तम, नगर आयुक्त, नगर निगम देहरादून मनुज गोयल, निदेशक शहरी विकास नवनीत पाण्डेय, डा० प्रेम कुमार, निदेशक पशुपालन उत्तराखण्ड, डा० नीरज सिंघल, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, उत्तराखण्ड उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी सुबोध कुमार, प्रोग्रेसिव डेरी फार्म एवं विभिन्न कार्यालयों के सहयोगी कार्मिकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
Keep working ,remarkable job!
Enjoyed reading this, very good stuff, thankyou. “It is in justice that the ordering of society is centered.” by Aristotle.
I love the efforts you have put in this, thanks for all the great posts.
Howdy! Would you mind if I share your blog with my myspace group? There’s a lot of people that I think would really enjoy your content. Please let me know. Thanks
I conceive you have mentioned some very interesting details, appreciate it for the post.
What challenges might commercial dairy complexes face in implementing the increase in milch cow numbers, and what support is the government providing to address these challenges? Universitas Telkom
I don’t think the title of your article matches the content lol. Just kidding, mainly because I had some doubts after reading the article.