मकर सक्राति पर मां कालीमठ करेंगी देवप्रयाग में स्नान - Pahadvasi

मकर सक्राति पर मां कालीमठ करेंगी देवप्रयाग में स्नान

-15 वर्षों बाद यात्रा पर निकली हैं मां काली

-मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, पुष्प वर्षा से किया जा रहा यात्रा का स्वागत

रुद्रप्रयाग। प्रसिद्ध सिद्धपीठ कालीमठ की देवरा यात्रा का शुभारंभ वेदोक्त मंत्रों के साथ हुआ। इस दौरान पांच गांव के पदाधिकारी और सैकड़ों भक्त इस पल के साक्षी बने। 15 वर्षों बाद मां काली की देवरा यात्रा ने अपने प्रथम चरण की यात्रा के तहत देवप्रयाग के लिए प्रस्थान किया। आगामी मकर संक्रांति के पावन पर्व पर मां की डोली अलकनंदा और भागीरथी के पवित्र संगम स्थल देवप्रयाग में स्नान कर पुनः अपने क्षेत्र की ओर लौटेगी। रविवार को शुभ मुहूर्त पर हयून गांव के ब्रहमा तथा देवशाल के आचार्य की मौजूदगी में भोग मूर्तियों की प्रतिष्ठा कर हवन कर इन्हें शुद्ध किया गया। हक हकूक धारियों ने भोग मूर्तियों तथा मां काली की पवित्र मूर्ति को विग्रह डोली में स्थापित कर मुख्य मंदिर की तीन परिक्रमाएं पूर्ण कर अपने पौराणिक खेतों में मां काली की डोली ने नृत्य कर भक्तों को आशीष दिया।  इससे पूर्व मां काली की डोली का स्थानीय भक्तों ने फूल मालाओं तथा अक्षत द्वारा स्वागत किया गया। देवरा समिति के अध्यक्ष लखपत सिंह राणा ने बताया कि 15 वर्षों बाद मां काली की देवरा यात्रा अपने प्रथम चरण के लिए देवप्रयाग पहुंच रही है। इस दौरान मां काली की डोली पांच गांव के श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए विभिन्न नगरों और कस्बों से होते हुए पैदल यात्रा कर देवप्रयाग पहुंचेगी।

मकर संक्रांति के पवित्र पर्व पर डोली अपने देवरा यात्रियों के साथ स्नान कर वापस अपने घर की ओर प्रस्थान करेगी। उन्होंने बताया कि देवरा यात्रियों के लिए अंग वस्त्र जैकेट, मालाएं प्रसिद्ध उद्योगपति सुंदर सिंह भंडारी द्वारा दिया गया। राणा ने बताया कि पौराणिक परंपराओं का निर्वहन करते हुए मां काली की भोग मूर्तियों को गंगाजल से स्नान करवाकर मंत्र शक्ति द्वारा प्राणों का संचार कर इन्हें डोली में सजाया गया। इस दौरान मौके पर मौजूद क्षेत्र की विधायक आशा नौटियाल ने कहा कि क्षेत्र की सुख और समृद्धि की कामना के लिए समय-समय पर इस तरह की देव यात्राओं का भ्रमण करना नितांत जरूरी है। दर्जाधारी राज्य मंत्री ऐश्वर्या रावत ने कहा कि पहाड़ की संस्कृतियों का संवर्धन और हमारे रीति-रिवाज के प्रचार प्रसार के लिए इस तरह की यात्राएं न केवल  अध्यात्म का ही पवित्र केंद्र है, बल्कि ऐसी यात्राएं व्यक्ति को उनके हक और हकूकों के बारे में भी अवगत कराती है। इस दौरान दर्जाधारी चंडी प्रसाद भट्ट, जिला पंचायत सदस्य सरोज राणा, पुष्कर राणा, ग्राम प्रधान प्रदीप राणा, मठापति अब्बल सिंह राणा, ब्रह्मा पद विपिन सेमवाल, वेंकट रमन, आनंदमणि, नवीन, भगवती देवशाली, स्वयंवर, भगवती, गोपीचंद भट्ट, पुजारी सुरेशानंद गौड़, हरीश, दिनेश, विनोद, सतीश, कुंवर सिंह समेत सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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