नन्दा देवी जात 2024 आध्यात्मिक यात्रा का मुन्दोली राइडर्स क्लब ने किया भव्य स्वागत
मुन्दोली,चमोली/देहरादून। नन्दा देवी राज जात यात्रा एक बार फिर 2024 में अपनी आध्यात्मिक छवि और पौराणिक महत्व के साथ उत्तराखंड की वादियों में हर साल की तरह हो रही है। नन्दा देवी, जो भगवान शिव की पत्नी मानी जाती है, यात्रा उनके मायके से ससुराल, कैलाश पर्वत की ओर जाने की एक धार्मिक कथा को जीवंत करती है। इस यात्रा को लेकर पूरे हिमालयी क्षेत्र में विशेष भावनात्मक जुड़ाव और श्रद्धा देखी जाती है।
नन्दा देवी राज जात: एक ऐतिहासिक यात्रा
नन्दा देवी राज जात यात्रा न केवल एक धार्मिक यात्रा है, बल्कि यह हिमालय की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और प्राचीन परंपराओं को भी सहेजने का माध्यम है। हर 12 साल में इस यात्रा की शुरुआत उत्तराखंड के छोटे से गांव नौटी से होती है और यह 280कि.मी० व 19 पड़ावों के बाद हेमकुंड में समाप्त होती है। इस दौरान विभिन्न गांवों के लोग देवी नन्दा की विदाई की रस्म अदा करते हैं और उन्हें भावनात्मक रूप से कैलाश पर्वत के लिए विदा करते हैं। नन्दा देवी को भगवान शिव की पत्नी के रूप में पूजा जाता है और यह यात्रा देवी के मायके से ससुराल जाने की एक प्रतीकात्मक यात्रा मानी जाती है।
वार्षिक नन्दा देवी जात यात्रा
इसके अलावा हर साल एक छोटी यात्रा भी की जाती है, जिसे नन्दा देवी जात कहा जाता है। यह यात्रा कुरुड गांव से शुरू होती है और बेदिनी बुग्याल जात पूजा अर्चना के बाद वापस लौटती है। यह यात्रा भी विभिन्न पड़ावों के साथ पूरी होती है और इसमें भी भक्तजन देवी नन्दा की विदाई करते हैं। इस धार्मिक यात्रा में गांव के हर व्यक्ति का भावनात्मक और धार्मिक जुड़ाव होता है।
मुन्दोली राइडर्स क्लब की भूमिका
2024 की इस यात्रा को और भी भव्य बनाने के लिए मुन्दोली राइडर्स क्लब ने विशेष तैयारियां की है। इस क्लब के संस्थापक श्री कलम सिंह बिष्ट के नेतृत्व में 50 से अधिक युवा, बच्चे और महिलाएं इस पवित्र यात्रा के आयोजन और स्वागत कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाइ। मुन्दोली गांव में हुए स्वागत कार्यक्रम, भजन संध्या, और भंडारे का आयोजन भी क्लब द्वारा किया है।
इस साल के स्वागत समारोह में प्रमुख रूप से क्लब के सदस्य कोमल, अनुष्का, कमला देवी (माताजी), कलावती, भावना, भारती देवी, भागीरथी देवी, सीता देवी, करिश्मा (कपू), अंशु देवी, सृष्टि, रवीना (क्लब की अध्यक्ष), राहुल पंचोली, सौरव पंचोली, सचिन, और विक्रम फर्सवान आदि शामिल थे । मुन्दोली राइडर्स क्लब की ये टीम पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ यात्रा में शामिल भक्तों और श्रद्धालुओं की सेवा कर रहे थे।
मुन्दोली राइडर्स क्लब का सामाजिक योगदान
मुन्दोली राइडर्स क्लब हिमालयी क्षेत्र के गरीब और वंचित परिवारों के उत्थान के लिए कार्यरत है। क्लब न केवल सामाजिक सेवा में अग्रणी है, बल्कि हिमालयी बच्चों के विकास और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए भी प्रयासरत है। इस वर्ष नंदा देवी जात यात्रा के दौरान क्लब द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया, जिसमें स्थानीय कलाकारों द्वारा भजन संध्या और संगीत कार्यक्रमों का आयोजन प्रमुख था।
नन्दा देवी राज जात की महिमा
नन्दा देवी राज जात की यात्रा केवल धार्मिक महत्व की नहीं है, बल्कि यह उत्तराखंड की सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधता को भी उजागर करती है। यात्रा के दौरान श्रद्धालु हिमालय की कठिन पगडंडियों और ऊंचे-नीचे पहाड़ी रास्तों से गुजरते हैं, जो भक्ति और संकल्प का प्रतीक हैं।
यह यात्रा उन भावनाओं और विश्वासों की अभिव्यक्ति है जो सदियों से हिमालय की गोद में बसे गांवों और लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। हर गांव इस यात्रा में अपनी भागीदारी से न केवल अपने कर्तव्यों का निर्वहन करता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि आने वाली पीढ़ियाँ इन प्राचीन परंपराओं को सहेज कर रखें।
आध्यात्मिकता और संस्कृति का संगम
नन्दा देवी राज जात यात्रा के दौरान हर पड़ाव पर स्थानीय लोग देवी की पूजा-अर्चना करते हैं और उन्हें भावभीनी विदाई देते हैं। इस यात्रा के दौरान हिमालयी संस्कृति की विविधता और धार्मिक आस्था का अनूठा संगम देखने को मिलता है। यात्रा के हर पड़ाव पर भक्तों के लिए विशेष पूजा, अर्चना और भंडारे का आयोजन किया जाता है।
यात्रा के समापन पर बेदनी बुगियाल में भव्य पूजा और यज्ञ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेंगे। यह आयोजन हिमालय के प्रति भक्तों की गहरी आस्था और समर्पण का प्रतीक है।
नन्दा देवी राज जात यात्रा 2024 में एक बार फिर से हर वर्ष की भांति भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करने और उन्हें हिमालय की दिव्यता से जोड़ने का अवसर देगी। यह यात्रा उत्तराखंड की धार्मिक परंपराओं और हिमालयी संस्कृति का धरोहर है, जिसे समर्पण और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है।