थराली। बधाण क्षेत्र की आराध्य देवी नंदादेवी की उत्सव डोली 25 दिसंबर को अपने ननिहाल सिद्धपीठ देवराड़ा (थराली) से नंदा सिद्धपीठ कुरूड़, नंदानगर के लिए विधि-विधान के साथ रवाना होगी। यह उत्सव डोली अगले वर्ष प्रस्तावित श्री नंदादेवी राजजात यात्रा में सम्मिलित होने के लिए अपने पारंपरिक पड़ावों से होते हुए कुरूड़ पहुंचेगी। नंदादेवी राजराजेश्वर मंदिर समिति देवराड़ा के अध्यक्ष भुवन हटवाल, नंदादेवी राजराजेश्वर मंदिर समिति कुरूड़ के अध्यक्ष नरेश गौड़ और सचिव सुनील गौड़ ने बताया कि देवी की उत्सव डोली 25 दिसंबर को देवराड़ा मंदिर से पूजा-अर्चना के पश्चात प्रस्थान करेगी। उसी दिन देवडोली देवराड़ा से सुनाऊं मल्ला होते हुए रात्रि विश्राम के लिए बजवाड़ पहुंचेगी। 26 दिसंबर को डोली बजवाड़ से माल ग्वाड़ होते हुए मेलठा, 27 को मेलठा से देवल होते हुए किमनी, 28 को किमनी से ढालू होते हुए नैल, 29 को नैल से आदरा होते हुए कुलसारी, 30 को कुलसारी से पास्तोली व सालपुर होते हुए नौण तथा 31 दिसंबर को नौण से बजवाड़ होते हुए मेटा तल्ला पहुंचेगी।
नववर्ष 1 जनवरी 2026 को मेटा तल्ला से धारबारम होते हुए गैरबारम, 2 को गैरबारम से त्यूला होते हुए बमणगांव, 3 को बमणगांव से हरमनी मल्ला होते हुए देवपुरी, 4 को देवपुरी से डांगतोली होते हुए नागौली, 5 को नागौली से गणकोट होते हुए मरोड़ा, 6 को मरोड़ा से हंसकोटी, 7 को हंसकोटी से पाली विनायक होते हुए बैनोली, 8 को बैनोली से मींग होते हुए पैठाणी, 9 को पैठाणी से बनेला होते हुए असेड़ सिमली, 10 को असेड़ सिमली से नाखोली होते हुए सणकोट, 11 को सणकोट से बांजवाड़ा होते हुए सैती और 12 जनवरी को सैती से सिद्धेश्वर महादेव मंदिर नंदानगर होते हुए नंदा सिद्धपीठ कुरूड़ के गर्भगृह में विराजमान होगी। समिति ने बताया कि देवी की उत्सव डोली कुरूड़ में छह माह तक विराजमान रहेगी और इसके बाद भाद्रपद मास में कुरूड़ से पुनः श्री नंदादेवी राजजात यात्रा के लिए प्रस्थान करेगी।
बधाण की नंदादेवी की उत्सव डोली के देवराड़ा से कुरूड़ के लिए प्रस्थान के अवसर पर 24 और 25 दिसंबर को देवराड़ा में दो दिवसीय विदाई मेले का आयोजन किया जाएगा। मेले की तैयारियों को लेकर रविवार को देवराड़ा में नंदादेवी राजराजेश्वर मंदिर समिति की बैठक आयोजित की गई।
मंदिर समिति के अध्यक्ष भुवन चंद्र हटवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि पूर्व वर्षों की भांति इस वर्ष भी नंदादेवी की विदाई का आयोजन भव्य और पारंपरिक रूप से किया जाएगा। मेले में देवराड़ा सहित आसपास के गांवों की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
बैठक में यह प्रस्ताव भी पारित किया गया कि विदाई अवसर पर देवराड़ा गांव की महिलाएं पारंपरिक एकरूप वस्त्र धारण कर मेले में सम्मिलित होंगी, जिससे सांस्कृतिक एकता और लोक परंपराओं का संरक्षण हो सके। इस अवसर पर समिति के संरक्षक विनोद राणा, उपाध्यक्ष शौर्य प्रताप सिंह रावत, सचिव वीरेंद्र सिंह गुसाईं, सह सचिव चरण सिंह, कोषाध्यक्ष मोहन प्रसाद देवराड़ी सहित वीरेंद्र सिंह, भजन सिंह, गौरा देवी, महेशी देवी और अन्य सदस्यों ने अपने विचार रखे।