-केदारघाटी के स्यालसौड़ में केन्द्रीय विद्यालय भवन निर्माण की मांग
-स्वास्थ्य विभाग के भवन पर अगस्त्यमुनि में संचालित हो रहा केन्द्रीय विद्यालय
रुद्रप्रयाग। केदारघाटी के स्यालसौड़ (चन्द्रापुरी) में केन्द्रीय विद्यालय भवन निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों का आंदोलन लगातार 36वें दिन भी जारी रहा। आंदोलन को उग्र करते हुए ग्राम प्रधान नैली कुंड मनोज वैष्णव ने रामायण पाठ से आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उनकी माने तो भवन निर्माण को लेकर राजनीति की जा रही है। ग्रामीण जनता को बेवकूफ समझा जा रहा है।
गढ़वाल सांसद से लेकर क्षेत्रीय विधायक भी मामले में गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। विधायक के मौके पर आने और सांसद से फोन पर वार्ता करने से ऐसा लग रहा है कि जैसे दोनों ही नेताओं को केदारघाटी के विकास से कोई लेना-देना नहीं है, जिससे जनता में भी आक्रोश बना हुआ है। 14 सालों से भवन निर्माण का कार्य अधर में लटका पड़ा है, जबकि इसके साथ स्वीकृत अन्य केन्द्रीय विद्यालयों के भवन निर्माण का कार्य पूरा होकर पठन-पाठन भी शुरू हो चुका है। वर्तमान समय में स्वास्थ्य विभाग के भवन पर केन्द्रीय स्कूल चल रहा है, जिस कारण बच्चों और शिक्षकों को बहुत सारी दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा है। स्यालसौड़ में भवन निर्माण को लेकर 81 नाली भूमि दान दी गई है। इस भूमि पर उग रही घास को साफ करकर मात्र लाखों रूपए बहाये जा रहे हैं।
आमरण अनशन पर बैठे नैली कुंड के प्रधान मनोज वैष्णव ने बताया कि भगवान श्रीराम का वनवास भी 14 साल में समाप्त हो गया था, लेकिन स्यालसौड़ में अब तक भवन निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। वनवास जैसे हालात में भवन निर्माण की भूमि पड़ी हुई है। जमीन में उगी घास काटने को लेकर विभाग लाखों रूपए खर्च कर रहा है, मगर भवन निर्माण की कार्यवाही शुरू नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि गढ़वाल सांसद से फोन पर वार्ता करने पर उनका रवैया भी सही नहीं रहा। केन्द्रीय विद्यालय का मामला केन्द्र सरकार से है तो विद्यालय निर्माण की कार्यवाही को लेकर गढ़वाल सांसद से बात की थी, मगर उन्होंने कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया। जिससे साफ प्रतीत होता है कि केदारघाटी की जनता के साथ खिलवाड़ किया ज रहा है। उन्होंने कहा कि दलगत राजनीति से हटकर विद्यालय का निर्माण किया जाना चाहिए। क्षेत्र की जनता ने अपनी जमीन दी है और उनकी जमीन वीरान पड़ी है।
ग्रामीणों के आंदोलन को यूकेडी ने अपना पूर्ण समर्थन देते हुए आंदोलन में डटे हुए हैं। उक्रांद नेता डॉ अशुतोष भण्डारी ने कहा कि भवन निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने अपनी जमीन को दिया है। भवन निर्माण की कार्यवाही को लेकर दो बार टेंडर पड़ चुके हैं, मगर निर्माण कार्य आज तक शुरू नहीं हो पाया है। क्षेत्रीय विधायक भी इस मुद्दे पर गंभीर नजर नहीं आ रही है। केदारनाथ हाईवे के स्यालसौड़ में आंदोलन चल रहा है और जिला प्रशासन, शासन और क्षेत्रीय विधायक को कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आमरण अनशन की शुरूआत रामचरितमानस पाठ के साथ की गई है। उक्रांद जिलाध्यक्ष सूरत सिंह झिंक्वाण ने कहा कि जनप्रतिनिधियों की हठधर्मिता के कारण आज तक निर्माण कार्य नहीं हो पाया है। जिलाधिकारी स्वयं केन्द्रीय विद्यालय समिति के अध्यक्ष होते हैं, बावजूद इसके वे भी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केदारघाटी में कोई विकास कार्य नहीं किए जा रहे हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के बुरे हाल है और कोई ध्यान देने वाला नहीं है। इस मौके पर उक्रांद जिलाध्यक्ष सूरत सिंह झिंक्वाण, शिव सिंह झिंक्वाण, विक्रम फर्शवान, सुशीला भंडारी, ग्राम प्रधान हनुमंत बिष्ट, प्रधान परकंडी सुनीता देवी, राहुल पंवार, नवीन पंवार, विजेंद्र, अनिल जगवान सहित अन्य मौजूद थे।