जौलीग्रांट सर्जरी से जुड़े चिकित्सकों व शोधार्थियों को नई तकनीकों से रूबरू कराया

 

जौलीग्रांट सर्जरी से जुड़े चिकित्सकों व शोधार्थियों को नई तकनीकों से रूबरू कराया

पहाड़वासी

देहरादून। एसआरएचयू जौलीग्रांट के जनरल सर्जरी विभाग की ओर से तीन दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस एफआईएजीईएस-2022 का आयोजन किया गया। इसमें देशभर के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों के विशेषज्ञ चिकित्सक जुटे। विशेषज्ञों ने सर्जरी से जुड़े चिकित्सकों व शोधार्थियों को नई तकनीकों से रूबरू कराया।

शनिवार को एसआरएचयू जौलीग्राट में कॉन्फ्रेंस एफआईएजीईएस-2022 का शुभारंभ एचआईएचटी संस्थापक डॉ. स्वामी राम के चित्र के समक्ष दीप जलाकर किया गया। कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि समय के साथ सर्जरी की तकनीकों में भी बदलाव आया है। इस तरह की कॉन्फ्रेंस का मकसद है कि इस क्षेत्र से जुड़े चिकित्सक अपने-अपने अनुभवों को साझा कर सकें, ताकि इसका फायदा मरीजों को उपचार में दिया जा सके। वर्कशॉप से भविष्य के लिए तैयार हो रहे सर्जन चिकित्सकों को इसका फायदा मिलेगा।

आईएजीईएस के अध्यक्ष डॉ. एलपी थंगावेलु ने कहा कि आईएजीईएस में सदस्य के रूप में 8300 से अधिक सर्जन हैं। 3000 से अधिक सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया है। आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. हेमंत नौटियाल ने बताया कि एफआईएजीईएस गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपिक सर्जन के सबसे प्रतिष्ठित और सबसे बड़े संगठन द्वारा सम्मानित लैप्रोस्कोपिक सर्जनों के लिए फैलोशिप है। कॉन्फ्रेंस में 60 से अधिक राष्ट्रीय स्तर की फैकल्टी व सर्जन प्रतिभाग करेंगे। कार्यक्रम में प्रतिभागियों को सर्जरी में प्रयुक्त होने वाली नवीन तकनीकों, वीडियो प्रेजेंटेशन, लेक्चर और हैंडस ऑन टेªनिंग के माध्यम से प्रशिक्षित किया जायेगा। इसके अलावा पोस्टर प्रेजेंटेशन और रिसर्च पेपर भी पढ़े जाएंगे। इस दौरान सर्जरी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियों के लिए डॉ.पीके सचान को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में डॉ. हेमंत नौटियाल, डॉ. पंकज, डॉ. हेमंत कपरुवाण, डॉ. विनम्र मित्तल, डॉ. जितेंद्र, रूपेश महरोत्रा, प्रति कुलपति डॉ. विजेंद्र चौहान, कुलसचिव डॉ. सुशील शर्मा डॉ. प्रकाश केशवया, डॉ. सुनील सैनी, डॉ. रेनू धस्माना आदि उपस्थित रहे।

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