233 रिक्रूट भारतीय थल सेना का अंग बने

 

233 रिक्रूट भारतीय थल सेना का अंग बने

पहाड़वासी

लैंसडौन/देहरादून। गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट सेंटर के 233 रिक्रूट शनिवार को भारतीय थल सेना का हिस्सा बन गए। रिक्रूटों ने देश की आन, बान व शान को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए वक्त पड़ने पर अपने जीवन का सर्वाेच्च बलिदान देने की कसम ग्रहण की। शनिवार को गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट सेंटर के भवानी दत्त परेड ग्राउंड में गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट सेंटर के 233 रिक्रूट 34 सप्ताह की कठिन ट्रेनिंग पूरी करके थल सेना का अभिन्न अंग बन गए। परेड के पुनर्निरीक्षण अधिकारी ब्रिगेडियर हरमीत सेठी ने नव प्रशिक्षित रिक्रूटों को कसम ग्रहण करवाई। इस मौके पर रिक्रूटों ने शानदार ड्रिल का प्रदर्शन करके दर्शकों की तालियां बटोरी।
ब्रिगेडियर हरमीत सेठी ने कहा की नव प्रशिक्षित जवानों ने सेना में भर्ती होकर अपने जीवन का सर्वाेत्तम निर्णय लिया है। उन्होंने जवानों से रेजीमेंट के पूर्वजों की ओर से अर्जित ख्याति को विश्व पटल पर विख्यात करने का आह्वान किया। कहा कि एक सैनिक के अंदर आज्ञाकारी, कर्तव्यनिष्ठ, ईमानदारी जैसे गुणों का होना बेहद जरूरी है। इस मौके पर उन्होंने जवानों के स्वजनों को सेना परिवार से जुड़ने पर बधाई दी।

परेड के दौरान कोर्स में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले सैनिकों को ब्रिगेडियर हरमीत सेठी ने पदकों से सम्मानित किया। राइफलमैन नीरज रावत को स्वर्ण पदक, राइफलमैन निशांत रावत को रजत और राइफलमैन संदीप सिंह को कांस्य पदक से नवाजा गया। राइफलमैन अतुल खंतवाल को सर्वश्रेष्ठ ड्रिल, राइफलमैन रितिक सिंह को बेस्ट फायरिंग व नायक जसवंत सिंह को उत्तम प्रशिक्षक के पुरस्कार से समानित किया गया। नायक सूबेदार सुमन सिंह सजवान को उत्तम प्लाटून कमांडर का खिताब दिया गया। कोर्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए चैंपियनशिप बैनर ‘घ’ कंपनी के नाम रही और नायक सूबेदार सुमन सिंह सजवाण ने चैंपियनशिप बैनर लिया।

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