मातृ मृत्यु दर कम करने एवं गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल को मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश

 

मातृ मृत्यु दर कम करने एवं गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल को मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश

-गर्भवती महिलाओं को अगर एयर लिफ्ट करना पड़े तो देर न करते हुए निकटवर्ती सुविधा युक्त चिकित्सालयों में पहुँचाया जाए

देहरादून,पहाड़वासी। राज्य में मातृ मृत्यु दर को कम करने एवं गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल को लेकर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में मातृ मृत्यु दर कम करने एवं गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल और आपदाकाल में गर्भवती महिलाओं को एयर लिफ्ट करने की जरूरत पड़ने पर उन्हें निकटवर्ती सुविधा युक्त चिकित्सालयों में पहुँचाया जाए। मुख्यमंत्री ने इस बाबत सचिव स्वास्थ्य से विस्तृत कार्ययोजना बनाने को कहा है। मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ मातृ मृत्यु दर एवं गर्भवती महिलाओं की देखभाल को लेकर आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए और प्रभावी प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने गर्भवतियों के स्वास्थ्य की देखभाल को लेकर भी आवश्यक निर्देश दिये।

स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने इस दौरान अवगत कराया कि राज्य में हुई प्रत्येक मातृ मृत्यु की गहन समीक्षा की जा रही है। साथ ही सभी गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व रजिस्ट्रेशन गर्भावस्था के प्रारम्भ से ही सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, सभी गर्भवती महिलाओं को न केवल स्थानीय आशा/ए०एन०एम० के माध्यम से समय से प्रसवपूर्व जाँच कराने की सलाह दी जा रही है, बल्कि निर्धारित समय पर केन्द्रीकृत कॉल सेन्टर (104 कॉल सेन्टर) से भी कॉल कर निकटवर्ती स्वास्थ्य केन्द्र से जांच कराये जाने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है।

स्वास्थ्य सचिव ने अवगत कराया कि सभी गर्भवती महिलाओं का बर्थ प्लान (जिसमें नजदीकी जांच केन्द्र एवं प्रसव केन्द्र की सूचना भी सम्मिलित है) तैयार रखा जा रहा है और सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के 18 से 22 वें हफ्ते में निःशुल्क अल्ट्रासाउण्ड की व्यवस्था की जा रही है। इस हेतु घर से लाने एवं वापस भेजने हेतु निःशुल्क परिवहन की व्यवस्था 102 ( खुशियों की सवारी ) के माध्यम से की जा रही है। इसके अलावा, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने हेतु सभी जनपदों में (विशेषतः आपदाकाल में मार्ग बाधाओं के दृष्टिगत चिन्हित क्षेत्रों से) गर्भवती महिलाओं को संभावित प्रसव तिथि से लगभग 15 दिन पूर्व जिला चिकित्सालय के पास संचालित किये जा रहे वन स्टॉप सेंटर में ठहरने की व्यवस्था की जा रही है। यह व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से की जा रही है। इस माध्यम से आपदाकाल में प्रसव की स्थिति होने पर प्रसूता को निकटवर्ती जिला चिकित्सालय में भर्ती कराकर संस्थागत/ सुरक्षित प्रसव कराये जाने की व्यवस्था है। सड़क मार्ग से दूर अवस्थापित तथा आपदाकाल में रोड ब्लॉक के दृष्टिगत गर्भवती महिलाओं को डोली-पालकी के माध्यम से रोड हैड से 108 एम्बुलेंस तक लाने वाले दल हेतु रूपये 2000 प्रति केस की व्यवस्था की गई है। इस डोली-पालकी व्यवस्था को समस्त आपदा प्रभावी क्षेत्रों तथा रोड हैड से दूर अविस्थापित गांव को आच्छादित किये जाने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं।

आपदाकाल में सामान्य स्वास्थ्य केन्दों से गर्भवती महिला को आवश्यकतानुसार हेलीकॉप्टर के माध्यम से निकटतम ऐसे चिकित्सालय जिसमें सीजेरियन ऑपरेशन की व्यवस्था हो तक पहुँचाने की सुविधा प्रदान की जायेगी। इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि प्रसव के उपरान्त भी सभी गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं का निर्धारित अन्तराल पर उनके घर पर ही स्वास्थ्य परीक्षण किये जाने की व्यवस्था सुचारू है। साथ ही किसी भी जोखिम की स्थिति में सर्न्दभण किये जाने हेतु निःशुल्क वाहन की व्यवस्था उपलब्ध है। हाई रिस्क प्रेगनेंसी वाली महिलाओं का विशेष ध्यान रखते हुये ससमय अतिरिक्त आवश्यक जांचे कराये जाने की व्यवस्था है। इस हेतु निर्धारित प्रोत्साहन राशि रू0 300 समय से सीधे आशा के खाते में जमा करायी जा रही है। गर्भवती महिलाओं को केन्द्र सरकार के माध्यम से जननी सुरक्षा योजना के अर्न्तगत संस्थागत प्रसव कराने पर ग्रामीण क्षेत्रों में रू0 1400- एवं शहरी क्षेत्रों में रू0 1000- सीधे लाभार्थी के खातों में दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने भी इस हेतु अपने स्तर से ईजा बोई शगुन योजना के अर्न्तगत रू0 2000- की अतिरिक्त व्यवस्था की है, जिससे निःसन्देह संस्थागत तथा सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा मिलेगा।

बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, विनय शंकर पांडेय, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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