विजय वात्सल्य की संदिग्ध मौत का मामलाः पिता बोले, सीएम ने फरियाद न सुनी तो जाएंगे पीएम के द्वार

 

विजय वात्सल्य की संदिग्ध मौत का मामलाः पिता बोले, सीएम ने फरियाद न सुनी तो जाएंगे पीएम के द्वार

-स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने प्रमोद वात्सल्य को दिया मदद का आश्वासन

पहाड़वासी

देहरादून। करीब 15 दिन पूर्व हुई अमेरिका के नागरिक एनआरआई विजय कुमार वात्सल्य की संदिग्ध मौत के मामले को लेकर अब मृतक के पिता प्रमोद वात्सल्य ने पुलिस के महानिदेशक अशोक कुमार पर भेदभाव करने तथा उनके बेटे के मामले में जांच पड़ताल तथा मुकदमा दर्ज  न कराने को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं।

उन्होंने दो टूक कहा है कि अब वे अपने बेटे की मौत के मामले को लेकर कानूनी प्रक्रिया के तहत अदालत जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी वे इस मामले में बातचीत करने का समय ले रहे हैं, लेकिन यदि मुख्यमंत्री की ओर से भी उनके बेटे की संदिग्ध मौत के मामले में कोई भी गंभीरता नहीं दिखाई जाती है तो वह सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर कार्रवाई कराने के लिए विवश हो जाएंगे।

विजय कुमार वात्सल्य की संदिग्ध मौत के मामले को लेकर आज सोमवार को एक बार फिर मृतक के पिता प्रमोद कुमार वात्सल्य ने मीडिया के सामने अपनी बात रखी और कहा कि प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार उनके पुत्र के मामले को लेकर कतई गंभीर नहीं है।  उन्होंने डीजीपी पर सीधे आरोप लगाया कि वे इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कराने तथा किसी भी तरह की जांच कराने से निरंतर कतरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सबसे बड़े पुलिस ऑफिसर डीजीपी द्वारा ही जब उन जैसे एक वृद्ध सीनियर सिटीजन के साथ ऐसा भेदभाव पूर्ण व्यवहार किया जा रहा है और उन्हें न्याय दिलाने से बचा जा रहा है तो अन्य किसी सामान्य नागरिक की किसी भी प्रकार की समस्या अथवा फरियाद का हाल क्या होगा? इसका स्वता ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

प्रमोद कुमार वात्सल्य ने स्थानीय सुभाष रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों के सम्मुख अपने बेटे की मौत का दर्द रखते हुए डीजीपी की कार्यशैली पर अनेक सवाल खड़े किए हैं। मृतक विजय के पिता का कहना है कि प्रदेश के पुलिस महानिदेशक आखिर उनके बेटे की संदिग्ध मौत के मामले की जांच तथा प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज क्यों नहीं कराने के आदेश दे रहे हैं। प्रमोद वात्सल्य ने आरोप लगाया कि एक तरफ मामले की रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है तो वहीं दूसरी ओर मामले के सुबूत ही मिटाए जा रहे हैं  ऐसे में जरूरी हो गया है कि मामले की सीबीआई जांच हो, ताकि उनके बेटे की मौत के रहस्य से पर्दा उठ सके तथा दोषियों को कानूनी रूप से सजा मिल सके।

एनआरआई विजय वात्सल्य की संदिग्ध मौत के मामले में पिता प्रमोद कुमार वात्सल्य ने कहा कि मामले की मजिस्ट्रेट जांच कराने के लिए वह अब न्यायालय का दरवाजा  खटखटआएंगे।  उन्होंने कहा कि शीघ्र ही वे प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी समय लेकर मामले की रिपोर्ट दर्ज करा कर निष्पक्ष जांच कराने का अनुरोध करेंगे प् उन्होंने दो टूक यह बात भी कहीं कि यदि मुख्यमंत्री की ओर से भी उन्हें इस मामले में कोई न्याय जैसी उम्मीद नजर नहीं आई, तो वे सीधे प्रधानमंत्री के सामने इस मामले को रखने से पीछे नहीं हटेंगे। पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रमोद कुमार वात्सल्य ने कहा कि देहरादून में कोई भी अधिवक्ता उनके इस मामले को लेकर आगे आने के लिए तैयार नहीं है, ऐसे में उन्होंने लखनऊ के एक अधिवक्ता से बात करते हुए कानूनी प्रक्रिया के तहत बेटे की संदिग्ध मौत के मामले को लेकर अग्रिम कदम उठाने का निर्णय लिया है प् प्रमोद वात्सल्य ने अपने पुत्र विजय की संदिग्ध मौत के मामले में अपनी पुत्रवधू सुनीता तथा उसके तथाकथित भतीजा पर विजय की करोड़ों रुपए की संपत्ति जायदाद को हड़पने का आरोप लगाते हुए डीजीपी को पिछले दिनों दिए गए मामले से संबंधित पत्र में इस बात का उल्लेख करते हुए डीजीपी को अवगत कराया कि उनके पुत्र विजय वात्सल्य की पत्नी सुनीता के वास्तव में उसके ही तथाकथित भतीजे से अवैध संबंध है, जिसकी जांच पड़ताल होने पर सच्चाई सामने आ जाएगी इधर, समाजसेवी रामकुमार अत्री ने बताया कि इस मामले को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से प्रमोद कुमार वात्सल्य की वार्तालाप हुई है, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मदद करने का आश्वासन दिया है। पत्रकार वार्ता में उनके साथ वरिष्ठ समाजसेवी रामकुमार अत्री, अधिवक्ता तत्वेश अग्रवाल भी मौजूद रहे।

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