धर्मांतरण मामले में वीएचपी नेताओं व 150 ग्रामीणों के खिलाफ क्रॉस एफआईआर दर्ज
-विरोध में किया गया चक्का जाम
पहाड़वासी
उत्तरकाशी/देहरादून। धर्मांतरण का विरोध करने वाले हिंदूवादी संगठन के 5 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसके बाद रवांई घाटी के लोगों में रोष व्याप्त है। जिसके बाद बीते दिन आक्रोशित लोगों ने जुलूस प्रदर्शन कर सांकेतिक चक्का जाम किया। प्रदर्शनकारियों ने मुकदमा वापस लेने की मांग की है। क्रॉस एफआईआर में 100 से 150 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
क्षेत्र की जनता, व्यापार मंडल एवं क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने धर्मांतरण के विरोध में सड़कों पर उतरकर मुख्य बाजार, बस स्टैंड, कुमोला रोड, मोरी रोड पर ढोल नगाड़ों के साथ जुलूस प्रदर्शन किया। इसके बाद तगसील प्रांगण में उपजिलाधिकारी जितेंद्र कुमार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में क्षेत्र के पांच लोगों पर दर्ज मुकदमा वापस लेने तथा धर्मांतरण के दोषियों तथा उनके साथ शामिल लोगों के खिलाफ जांच व सख्त कार्रवाई करने की मांग की। मामले के विरोध में व्यापारियों ने दोपहर तक व्यापारिक अनुष्ठान बंद रखते हुए पुलिस चौकी के पास विरोध स्वरूप कुछ देर चक्का जाम भी किया। दूसरी ओर मामले की गंभीरता व जनता के भारी आक्रोश व भीड़ को देखते हुए बाजार में भारी पुलिस बल तैनात रहा। लोगों ने धर्मांतरण करने वाले लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही क्षेत्र में मिशनरी के माध्यम से चलाए जा रहे तमाम क्रियाकलापों को बंद करने की मांग की।
पुरोला एसएचओ कोमल सिंह रावत ने बताया कि आशा और जीवन केंद्र नामक एक मिशनरी संगठन से जुड़े लोगों के साथ-साथ पांच ग्रामीणों के खिलाफ पुरोला पुलिस स्टेशन में क्रॉस एफआईआर दर्ज की गयी है। उन्होंने बताया कि भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मिशनरी से जुड़े लोगों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें 153 (ए) (धर्म, नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) शामिल है व 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत मुकदमा दर्ज है। जबकि ग्रामीणों पर 153 (ए), 323 और 504 के अलावा आईपीसी की धारा 147 के तहत दंगा करने का मामला दर्ज किया गया है।
उत्तरकाशी में क्रिसमस पर सामूहिक धर्मांतरण का मामला सामने आया। मामला पुरोला के देवढुंग क्षेत्र का है। आरोप है कि 23 दिसंबर को एनजीओ के नव निर्मित भवन के बाहर कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। इस कार्यक्रम में एक ईसाई मिशनरी से जुड़े कुछ लोगों के साथ नेपाली मूलके लोगों के साथ स्थानीय लोग भी शामिल हुए थे। ग्रामीणों और हिंदू संगठनों का आरोप है कि ईसाई मिशनरी सामूहिक धर्मांतरण का काम कर रही है। इस मामले में विश्व हिंदू परिषद ने पुलिस को तहरीर भी दी। तहरीर के आधार पर एक नामजद सहित ईसाई मिशनरी के कुछ लोगों के खिलाफ पुलिस ने उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2018 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। वहीं, इसके बाद मिशनरी के लोगों ने भी वीएचपी के कुछ लोग समेत 5 ग्रामीणों के खिलाफ क्रॉस एफआईआर कराई है।
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