टीबी की दवा लेकर ड्रोन एम्स ऋषिकेश से आधे घंटे में टिहरी पहुंचा
ऋषिकेश/देहरादून,पहाड़वासी। एम्स से उड़ान भरकर ड्रोन ने आधे घंटे में 36 किमी (एरियल डिस्टेंस) दूर टिहरी जिला अस्पताल तक टीबी की दवा पहुंचाई। इसके साथ ही संस्थान ड्रोन से दवा भेजने का ट्रायल करने वाला देश का पहला एम्स बन गया है। सफल ट्रायल के बाद एम्स प्रशासन सेवा शुरू करने के लिए टेंडर निकालने की तैयारी में है। ब्लड, सैंपल और जीवन रक्षक दवाएं एम्स से टिहरी पहुंचाने में यह सेवा कारगर साबित होगी। योजना पर संयुक्त रूप से काम करने के लिए राज्य सरकार से भी बातचीत होगी।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश से बृहस्पतिवार को सुबह 10.44 बजे एक किलो टीबी की दवाएं लेकर विमान की आकृति वाला ड्रोन टिहरी के बौराड़ी स्थित जिला अस्पताल के लिए रवाना हुआ। करीब आधे घंटे में 11.14 बजे अस्पताल की छत पर लैंडिंग की। यहां डाट्स की लैब टेक्नीशियन देवंती डबराल और उनकी टीम ने दवा एकत्रित की। इसके बाद ड्रोन ने उड़ान भरी और दोपहर करीब 12.15 बजे एम्स पहुंच गया। एम्स की कार्यकारी निदेशक डॉ. मीनू सिंह के अनुसार, टेक ईगल इनोवेशन कंपनी के साथ यह ट्रायल किया गया। कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर रजत ने बताया कि ड्रोन तीन किलो क्षमता के भार वहन कर सकता है।
टेक ईगल इनोवेशन कंपनी के अधिकारी गौरव आसुधानी ने बताया पिछले साल मेघालय में पांच जिला अस्पतालों को ड्रोन के जरिये 25 पीएचसी जोड़ा गया था। इसका ट्रायल भी सफल रहा। ड्रोन 25 किलो दवा लेकर गया और ब्लड सैंपल लेकर लौटा था। डॉ. मीनू सिंह, कार्यकारी निदेशक, एम्स ऋषिकेश ने बाताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने में यह योजना बेहद कारगर साबित होगी। ड्रोन से आपातकालीन स्थिति में दुर्गम क्षेत्रों में चारधाम यात्रियों और अन्य लोगों तक भी समय पर दवाएं पहुंचाई जा सकती हैं।