मुन्दोली राइडर्स क्लब के गुरु शिष्य और गुरु माता ने जीता स्वर्ण पदक
मावला घाटी की अंतरराष्ट्रीय चुनौती में उत्तराखंड के “मुंदोली राइडर्स क्लब” ने रचा इतिहास
स्थान: टीक वुड रिसॉर्ट, मालेगांव, पुणे, महाराष्ट्र, भारत
तिथि: 13 से 15 जून 2025
आयोजक: आदिनाथ और गोविंद
कंपनी: जंपिंग गोरिल्ला
प्रायोजक: इन्फ्राबीट, वॉन्डरलूम, इत्यादि

उत्तराखंड की शान—मुन्दोली राइडर्स क्लब की ऐतिहासिक जीत
महाराष्ट्र के प्रसिद्ध मावला घाटी क्षेत्र में आयोजित इंटरनेशनल माउंटेन अल्ट्रा ट्रेल रन प्रतियोगिता में इस बार इतिहास रच दिया गया। उत्तराखंड के चमोली जनपद स्थित मुन्दोली राइडर्स क्लब ने न केवल अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से देश-विदेश के धावकों को चौंका दिया, बल्कि चार स्वर्ण पदक जीतकर राज्य और राष्ट्र का गौरव भी बढ़ाया।
प्रतियोगिता में 100 मील (161 किमी), 100 किमी, 75 किमी, 50 किमी और 10 किमी जैसी चुनौतीपूर्ण श्रेणियाँ थीं। इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में देशभर से एथलीट्स के साथ-साथ अनेक विदेशी धावकों ने भी भाग लिया। इस कठिन ट्रैक में विजय पाना आसान नहीं था, लेकिन गुरु, शिष्य और गुरु माता ने ये कर दिखाया।
चार स्वर्ण पदक एक ही टीम के नाम — मुन्दोली राइडर्स क्लब

मुंदोली राइडर्स क्लब के संस्थापक कलम सिंह बिष्ट ने अपने अद्भुत धैर्य, संकल्प और फिटनेस के दम पर 100 मील (161 किमी) की कठिन ट्रेल को दूसरी बार फतह कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यह दौड़ लगभग 34 घंटे तक बिना रुके चली, जिसमें ट्रेल की ऊंचाई 1000 फिट और ढलान दोनों ने धावकों की परीक्षा ली। परंतु गुरु ने अपनी निष्ठा, समर्पण और अनुशासन के साथ सबको प्रेरित किया।

कलम सिंह बिष्ट की धर्मपत्नी पुष्पा देवी ने महिलाओं की 10 किमी माउंटेन अल्ट्रा ट्रेल रन में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। पिछले एक वर्ष से क्लब की नियमित ट्रेनिंग में सक्रिय रूप से भाग लेने वाली पुष्पा देवी आज महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन गई हैं।

केवल 2.6 महीने से क्लब में प्रशिक्षण ले रही अंजू ने अपने पहले ही राष्ट्रीय स्तर के रन में 50 किमी की श्रेणी में स्वर्ण पदक जीतकर यह सिद्ध कर दिया कि समर्पण और मार्गदर्शन से असंभव भी संभव हो सकता है।

ऋषभ मेघवाल, जो बीते 6 महीने से मुन्दोली राइडर्स क्लब में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, ने 75 किमी की श्रेणी में भाग लेकर न केवल दौड़ पूरी की बल्कि स्वर्ण पदक भी हासिल किया। यह प्रदर्शन युवाओं के लिए प्रेरणा बन गया है।

विदेशी धावकों को भी भाया मावला घाटी का ट्रेल
मावला घाटी की यह ट्रेल रन न केवल भारत के पर्वतीय दौड़ प्रेमियों के लिए वरदान साबित हुई, बल्कि इसमें भाग लेने वाले विदेशी धावकों ने भी आयोजन की सराहना की, कहा कि भारत की यह ट्रेल विश्वस्तरीय है और यहाँ की संस्कृति, आतिथ्य और प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण उन्हें अविस्मरणीय अनुभव देता हैं.
संस्थापक का भावनात्मक संदेश
कलम सिंह बिष्ट ने अपनी जीत के बाद कहा:
उन्होंने प्रतियोगिता स्थल पर मौजूद दर्शकों को भी संबोधित किया और क्लब के 300 से अधिक बच्चों को समर्पित यह जीत “गांव से वैश्विक स्तर तक की उड़ान” का प्रतीक बताया।
मावला घाटी: एक दौड़, एक दर्शन
मावला घाटी अल्ट्रा ट्रेल रन न केवल कठिनाई के स्तर पर प्रतिष्ठित है, बल्कि इसकी प्राकृतिक सुंदरता, ऊंचाई और ट्रेल की विविधता भी इसे विशिष्ट बनाती है। इस बार के आयोजन ने इसे और भी गौरवशाली बना दिया, जब एक छोटे पर्वतीय गांव के युवा और उनके गुरु–गुरुमाता ने पूरे मंच पर अपना परचम लहराया।
उत्तराखंड: फिटनेस और साहस का नया केंद्र
इस उपलब्धि के बाद उत्तराखंड को ‘माउंटेन रनिंग हब’ के रूप में पहचाना जाने लगा है।
मुन्दोली राइडर्स क्लब की यह सफलता न केवल एक प्रतियोगिता की जीत है, बल्कि यह उन हजारों युवाओं की उम्मीदों की जीत है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं। गुरु, गुरु माता और शिष्यों की यह ‘स्वर्ण यात्रा’ आने वाले समय में न केवल उत्तराखंड, बल्कि पूरे भारत के ग्रामीण क्षेत्रों को खेल के प्रति प्रेरित करेगी।
