जाएका ने प्रदान किया उत्तराखंड एकीकृत बागवानी विकास परियोजना के लिए 413 करोड़ रु का ओडीए ऋण

 

जापान इंटरनेशनल कॉपरेशन एजेंसी (जाएका) ने प्रदान किया उत्तराखंड एकीकृत बागवानी विकास परियोजना के लिए 413 करोड़ रु का ओडीए ऋण

-बागवानी को अधिक फायदेमंद बनाने के साथ-साथ किसानों की आमदनी में सुधार लाना मकसद

पहाड़वासी

देहरादून। उत्तराखंड एकीकृत बागवानी विकास परियोजना के लिए जापान इंटरनेशनल कॉपरेशन एजेंसी (जाएका) ने 6401 मिलियन येन (लगभग 413 करोड़ रु) का जापान आधिकारिक विकास सहायता (ओडीए) ऋण उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस परियोजना का मकसद बागवानी को मुनाफेदार बनाना और किसानों की आमदनी में सुधार करना है। इसके तहत, बागवानी की फसलों के उत्पादन, प्रसंस्करण तथा विपणन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और क्षमता बढ़ाने पर खासतौर से ज़ोर दिया जाएगा। इस तरह, यह ऋण उत्तराखंड में आर्थिक और सामाजिक विकास के क्षेत्रों में योगदान करेगी।

परियोजना का मकसद किसानों को इन स्तरों पर सहयोग देना हैः 1) प्रशिक्षण एवं टैक्नोलॉजी प्रसार तथा कौशल विकास के लिए प्रदर्शन, 2) एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइज़ेशंस) का संस्थागत विकास, 3) एफपीओ की क्षमता निर्माण, 4) फलों, सब्जियों और मसालों की सप्लाई चेन मैनेजमेंट के लिए प्रबंधन संवर्गों को तैयार करना, 5) फलों एवं सब्जियों की उन्नत खेती की तकनीकों को प्रदर्शित करने के लिए उत्कृष्टता के केंद्रों की स्थापना, 6) पुराने बागानों को नया जीवन देना, तथा 7) बागवानी की सस्टेनेबल ऑर्गेनिक पद्धतियों को अपनाने के लिए किसानों की मदद करना। इस परियोजना के माध्यम से, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अनुकूलन उपायों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। ऋण समझौते पर रजत कुमार मिश्रा, अतिरिक्त सचिव, आर्थिक मामलों का विभाग, वित्त मंत्रालय तथा सायतो मित्सुनोरी, प्रमुख प्रतिनिधि, जाएका इंडिया ने हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर सायतो मित्सुनोरी, प्रमुख प्रतिनिधि, जाएका इंडिया ने कहा कि भारत सरकार ने खासतौर से ग्रामीण इलाकों में कृषि व बागवानी विकास को बढ़ावा देने के लिए डबलिंग फार्मर्स इंकम (2017) के तहत, प्रतिबद्धता जतायी है ताकि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी की जा सके। इसलिए मौजूदा खेती के क्षेत्रों की उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ बागवानी उत्पादों का मूल्यवर्धन करना, प्रमुख बाधाओं को दूर करना जैसे कि पानी, प्रौद्योगिकी और कृषि इनपुट तथा मार्केटिंग की अपर्याप्त सुविधाओं समेत सेवाओं तक पहुंच की राह में मौजूद बाधाओं को दूर करना शामिल है। इस परियोजना का मकसद फलों, सब्जियों तथा मसालों आदि की उत्पादकता को दोगुना करना और शुद्ध सिंचित क्षेत्र को 2090 हेक्टेयर बढ़ाना है। जाएका को उत्तराखंड वन संसाधन प्रबंधन परियोजना के लिए बागवानी विभाग के साथ भागीदारी करने पर भी प्रसन्नता है।

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