मां नंदा देवी राजजात की वार्षिक यात्रा मुन्दोली पड़ाव से प्रस्थान

 

मां नंदा देवी राजजात की वार्षिक यात्रा मुन्दोली पड़ाव से प्रस्थान

मुन्दोली/देहरादून,पहाड़वासी। मां नंदा देवी राजजात के इस छोटे से पड़ाव मुन्दोली में सभी यात्रियों भक्तों का भव्य स्वागत फूलों, ढोल, नगाड़ां, भौकरो और पारम्परिक वेषभूषा के साथ किया गया।

“मुन्दोली राइडर्स क्लब” के नन्हे बच्चों ने मां नंदा देवी की इस भव्य यात्रा के अवसर पर अपनी पारम्परिक वेशभूषा में सज धज कर सांस्कृतिक प्रोग्राम, माँ के भजन , चाचडी, और माँ के भक्तो के लिए भंडारे का आयोजन किया था जिसमें भक्त लोगों ने भजनों का और भंडारे का आनंद लिया और बच्चों को आशीष दिया और बच्चों को उनके उज्जवल भविष्य की कामना मां नंदा देवी से की।

मां नंदा देवी राजजात यह हर वर्ष एक छोटे से रूप में मनाई जाती है और हर बारह साल बाद एक भव्य रूप में मनाई जाती है यह यात्रा चमोली जिले के नॉटी गांव से विभिन्न पड़ाव होकर होमकुंड तक जाती है वहां पर यह यात्रा में चल रहा चेसिंगिया मीणा कैलाश की तरफ छोड़ दिया जाता है मां की विदाई का यह मायके से ससुराल जाने की परंपरा भव्य रूप में हर 12 साल में मनाई जाती है जिनमें लाखों श्रद्धालु भक्त शामिल होते हैं जिसका एक पड़ाव मुन्दोली गांव भी है, यहां से अगला पड़ाव वान गांव जो कि इस यात्रा का अंतिम गांव है इसके बाद जंगल और हिमालय वाला क्षेत्र शुरू हो जाता है जो आगे की यात्रा गुफाओं कंदराओं में रहकर पूरी करनी पड़ती है।

“मुन्दोली राइडर्स क्लब” के संस्थापक कलम सिंह बिष्ट (पूर्व सैनिक, गोल्ड मेडलिस्ट) ग्राम- मुन्दोली, तहसील-थराली, जिला- चमोली के मूल निवासी हैं। इनके द्वारा साहसिक खेलों, पर्वतारोहण, मैराथन, अल्ट्रा मैराथन और साईकिलिंग में पूर्व में अनेक कोर्स किये गोल्ड मैडल जीतकर गाँव, जिला एवं प्रदेश का नाम रोशन किया।

इनके द्वारा “मुन्दोली राइडर्स क्लब” के माध्यम से गाँव व क्षेत्र के बच्चो, नवयुवक, नवयुवतीयों को “हमारा प्रयास, हुनर की तलाश” का नारा दिया ओर सबको दौड़ना, योगा, पर्वतारोहण, आत्मरक्षा, अंग्रेजी बोलना, प्रतियोगी परीक्षा, पुलिस और सेना भर्ती की तैयारी करा रहे हैं जिसका पुरा खर्चा खुद से उठा रहे हैं, मां के स्वागत की विशेष तैयारियां बच्चों ने एक अलग अंदाज में किया था।

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