सीएम ने वार्ता के लिए बुलाया नाराज राज्य आंदोलनकारियों को , बताई समस्या, सीएम ने दिया आश्वासन
पहाड़वासी
मुख्यमन्त्री आवास से राज्य आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष को आज वार्ता का न्योता दिया दिया गया। राज्य आंदोलनकारी मंच ने मुख्यमंत्री से सभी मुद्दों पर बिन्दुवार चर्चा की। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने कहा कि सर्वप्रथम मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों की सजा दिलाने के लिए सही पैरवी के लिए एक अधिवक्ताओं का पैनल गठित किया जाए। या फिर राज्य आंदोलनकारी मंच को कोर्ट में पैरोकारी के लिए सरकार आर्थिक सहयोग करे।
साथ ही उन्होंने राज्य आंदोलनकारी परिवार को 10 फीसद शिथिलीकरण (क्षैतिज आरक्षण) की सुविधा प्रदान करने, चिह्नीकरण के लंबित मामलों को निस्तारित करने, राज्य आंदोलनकारियो की एक समान पेंशन कर वृद्धि की मांग की। उन्होंने खटीमा के साथ पौड़ी और बागेश्वर के चिह्नित आंदोलनकारियों की सूची को तत्काल जारी कर सभी सुविधाएं प्रदान करने की मांग की।
इस मौके पर जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा कि पिछले 06-वर्षो से आंदोलनकारियों के एक्ट की फाइल राजभवन ने दबाकर रखी हुई है। नौजवान उम्रदराज हो गये। साथ ही समूह ग में रोजगार कार्यालय की अनिवार्यता की जाय। इससे उत्तराखंड के बेरोजगारो को अवसर मिले।
संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष वेद प्रकाश शर्मा ने मुख्यमन्त्री से मांग की कि सम्मान परिषद का शीघ्र गठन किया जाय। चिह्नीकरण कमेटी व पेंशन पट्टा जारी किया जाय। चंद्रप्रकाश ने कहा कि परिसीमन भविष्य में क्षेत्रफल के आधार पर हो और लोकायुक्त का गठन करें। साथ ही स्थाई राजधानी गैरसैण अविलंब घोषित हो।
मुख्यमंत्री से ऋषिकेश में क्षतिग्रस्त हुए शहीद स्मारक व इन्द्रमणी बडोनी हाल के शीघ्र हस्तांतरण के शासनादेश जारी कर दिया जाय। इससे इन्द्रमणी जी की प्रतिमा को पुनः स्थापित कर आगामी एक सितंबर खटीमा दिवस पर श्रद्धांजली सभा की जा सके।
वार्ता में मुख्यमंत्री द्बारा सकरात्मक रुख अपनाते हुए कहा कि हम राज्य आन्दोलनकारियो के लिए अवश्य कुछ करेंगे। इस कोरोना महामारी की वजह से कुछ देरी जरूर हुई है।