पारंपरिक वाद्ययंत्रों में छिपी प्रतिभाओं को पहचान दिलाने को होगी प्रतियोगिता
पहाड़वासी
देहरादून। प्रदेश में पारंपरिक वाद्ययंत्रों में छिपी प्रतिभाओं को पहचान दिलाने के लिए पूरे उत्तराखंड में एक बड़ी प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। दून के वरिष्ठ फिजीशियन डा. केपी जोशी की पहल पर यह प्रतियोगिता होगी। उद्योग विभाग द्वारा भी इस प्रतियोगिता में सहयोग किया जा रहा है।
रविवार को डा. केपी जोशी और उद्यान निदेशक सुधीर नौटियाल ने पत्रकारों से इस संबंध में वार्ता की। कहा कि 13 जिलों से छिपी प्रतिभाओं को पहचान दिलाने के लिए प्रतियोगिता होगी। जिसमें अव्वल आने वालों को पुरस्कार देने के साथ ही रोजगार भी दिलाया जाएगा।
प्रदेश के प्रत्येक जिले से ऐसी पांच प्रतिभाओं को चिन्हित किया जायेगा। प्रतियोगिता का उद्देश्य मुख्य रूप से दूर-दराज के क्षेत्रों से ऐसी प्रतिभाओं को ढूंढकर लाना है, जिन्हें अपनी प्रतिभा का राज्य, राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन का अभी तक अवसर नहीं मिला है। प्रतिभागी किसी विशिष्ट कला जैसे परंपरागत वाद्ययंत्रों, संगीत, सांस्कृतिक परंपरा, शिल्प एवं कारीगरी से जुड़े होंगे। रिंगाल, लकड़ी, ऊन, नेचुरल फाइवर, ताम्र आदि का काम करते हो।
जिला स्तर पर एक समिति बनाई जायेगी, जो ऐसी प्रतिभाओं को विभिन्न स्रोतों से चिन्हित कर एवं उनके प्रदर्शन के आधार पर संस्तुति करेगी। प्रत्येक जनपद से पांच प्रतिभाओं का चयन किया जाएगा। राज्य स्तर पर भी एक समिति का गठन किया जाएगा। जो जनपदों से संस्तुत प्रतिभागियों में से पांच-पांच प्रतिभाओं का चयन करेगी।