निशंक के इस्तीफे से दुःखी : पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत

 

निशंक के इस्तीफे से दुःखी : पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत

-बोले-मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने मुझसे कुछ छीन लिया हो

पहाड़वासी

देहरादून। मोदी सरकार-2 में उत्तराखंड की नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट से सांसद अजय भट्ट को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया है। वहीं हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को मोदी कैबिनेट से बाहर किया है। रमेश पोखरियाल निशंक मोदी सरकार में केंद्रीय शिक्षा मंत्री थे। निशंक के इस्तीफे की वजह से उनका बिगड़ा स्वास्थ्य बताया जा रहा है। निशंक के इस्तीफे पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी प्रतिक्रिया दी है।

हरीश रावत ने निशंक के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि राजनीति में पद आते हैं और पद छिनते भी हैं। मगर कुछ लोगों से पद का छिन जाना, गहरी व्यथा देता है। राज्य के भूतपूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री पद सुशोभित कर चुके, रमेश पोखरियाल निशंक एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो ग्रामीण परिवेश से आते हैं।

हरीश रावत ने आगे लिखा कि रमेश पोखरियाल निशंक सामान्य पर्वतीय घर से निकलकर देश के मानव संसाधन विकास मंत्री बने। जब वो मानव संसाधन विकास मंत्री बने तब भी मुझे बेहद प्रसन्नता हुई और मैंने अपनी खुशी जाहिर की। क्योंकि उत्तराखंड छोटा राज्य है, अब हमारे लिए राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित करने वाले गोविंद बल्लभ पंत देना संभव नहीं है। न हेमवती नंदन बहुगुणा और नारायण दत्त तिवारी देना संभव है। मगर निशंक मानव संसाधन विकास मंत्री बने, यह एक बड़ी उपलब्धि थी। हरीश रावत ने कहा कि हम राजनैतिक प्रतिद्वंदी हैं। मुझे हरिद्वार से बेदखल करने के लिए निशंक हमेशा प्रयासरत रहे। मगर जिस समय सामूहिक गौरव की बात आती है, तो उस समय ये सब बातें व्यक्तिगत राग-द्वेष, झगड़े, राजनैतिक प्रतिस्पर्धाएं गौण हो जाती हैं।

जब निशंक के इस्तीफे का समाचार आया तो मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने मुझसे कुछ छीन लिया हो। निशंक स्वस्थ रहें और जब यहां तक उन्होंने अवसर बनाया है तो वो आगे भी अवसर बना सकने की क्षमता रखते हैं, इसका मुझे विश्वास है। वे जन्म से ब्राह्मण हैं, इसलिए मैं आशीर्वाद तो नहीं दे सकता, मगर मैं इच्छा प्रकट कर सकता हूं कि ऐसा हो। निशंक और हरीश रावत की प्रतिद्वंदिता पुरानी है। जब निशंक राज्य की राजनीति में थे तो दोनों के वार-पलटवार सुर्खियों में रहते थे। निशंक जब केंद्र में गए तो तब भी सोशल मीडिया पर दोनों का शीतयुद्ध साफ दिखता था। निशंक जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कोई पोस्ट डालते थे, हरीश रावत के अकाउंट पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान या भाषण की कोई न कोई पोस्ट तुरंत दिखने लगती थी।

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